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विश्वास....
#विश्वास.....
विश्वास एक ऐसी भावना है जो आपस में एक दूसरे को जोड़े रखती है।आज के दौर में यही कड़ी टूट चुकी है।इसी अविश्वास की भावना नें कितने रिश्तों को तोड़ दिया है।
एक चिड़िया आपके घर में बेखटके आकर अपना घोंसला बनाती है क्योंकि उसे विश्वास है कि आप उसका घोंसला नहीं तोड़ेंगे।
एक गाय आपके यहाँ एक बार रोटी खाने के बाद आपके दरवाजे पर रोज आती है क्योंकि उसे विश्वास है कि यहां उसे रोटी मिलेगी।
जब बेजुबान जानवर और पक्षियों को आपके ऊपर विश्वास है तो फिर इंसान - इंसान पर विश्वास क्यों नहीं करता। आज क्यों रिश्ते बिखरते चले जा रहे हैं,क्यों दोस्ती टूटती जा रही हैं। कारण है एक - दूसरे पर विश्वास ना करना।सब अपने - अपने अहम में डूबे हुए है। रिश्तों के टूटने बिखरने से किसी को कोई सरोकार नहीं है। एक को विश्वास है, दूसरे को नहीं, तब भी रिश्ते और दोस्ती उलझकर रह जाते हैं।
रिश्तों को बचाना है तो विश्वास करना सीखिये।
रिश्तों की डोर बहुत कच्ची होती है।एक बार गांठ लगने पर रिश्ते टूटने की कगार पर पहुंच जाते हैं।
कोशिश करिये,खुद भी दूसरों पर विश्वास करिये और खुद को दूसरों के विश्वास पर खरा उतारिये।।
******* अंजली *******