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जिंदगी
एक रास्ते के किनारे दो दोस्त बैठे थे उसमे एक दोस्त थोड़ा मायूस सा था तो दूसरे दोस्त ने उससे पूछा कि तुम मायूस क्यू हो तुम्हे क्या परेशानी है तुम मुझे बता सकते हो सायद में तुम्हारी कोई मदद कर सकू ।

तब उस दोस्त ने कहा कि में मेरी जिंदगी से बहुत परेशान हूं कुछ सही नहीं चल रहा है में जितने हालातो को सही करने की कोशिश करता हूं हालात
इतने ही बिगड़ ते जाते है बहुत कोशिशों के बावजूद में अपनी जिंदगी को बेहतर
नहीं कर पा रहा हूं ।

वो दोस्त उसकी सारी बाते बड़े ध्यान से सुन रहा था ।

थोड़ी देर दोनों यू ही खामोश बैठे रहे फिर उस दोस्त ने रास्ते के किनारे बैठकर समान बेचने वाले लोगों की तरफ इसारा करके कहा कि तुम जानते हो की इन लोगो की जिंदगी क्या है ये लोग केसे अपनी जिंदगी जीते है ये लोग हर इनकी हर सुबह एक उम्मीद लेकर आती है ओर हर शाम एक मायूसी देकर जाती है फिर भी ये लोग जीवन से कभी भी हार नहीं मानते ओर हर रोज हालातो के साथ लड़कर अपनी जिंदगी को आगे बठा ते है जब जिंदगी हर हाल में जीनी है तो मायूस होकर क्यू जीना ये बाते सुनकर उस अब उस दोस्त को भी समझ में आ गया कि जिंदगी मायूस होकर नहीं एक उम्मीद के साथ जीनी चाहिए ।

अब उसके चेहरे पर मायूसी की जगह एक उम्मीद दिखाई दे रही थी ओर निराशा की जगह आशा दिखाई दे रही थी ।

✍️ jalpa solanki ✍️