...

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दो अजनबी
सुबह बस रुकी तो अवनी जल्दी से उतरी अवनीश भी बस से उतरा और देखते ही देखते आंखो से ओझल हो गया

अवनी सोचने लगी अवनीश कहां गया पर मैं क्यों उसका सोच रही हूं क्या मैं उसे ना कहते हुए भी चाहने लगी

थोड़ी देर मे अवनीश आया टैक्सी के साथ

अवनीश बोला बैठिए अवनी जी टैक्सी लेने गया था पर अवनी को जैसे कोई फर्क नहीं पड़ा

पर मन मे खुश हो रही थी अवनीश को सामने देखकर

आखिर ये कैसा अंतर्द्वद है अवनी सोचने लगी

अनीश ने आवाज दी अवनी जी चले क्या अवनी हाँ ना हाँ ना सोचती रही इतने मे काले बादल आ गए देखते ही देखते बारिश शुरू हो गई

अब तो टैक्सी मे बैठ जाइए कहीं आप बीमार ना पड़ जाए ऐसी फ़िक्र तो मेरा बचपन का दोस्त करता था या फिर नीलिमा करती है

अवनी टैक्सी मे बैठ गयी अवनी ने एदेस बताया टैक्सी वाले को

© rupam dubey