...

2 views

भूल जाते हैं बुढे. माँ बाप की देखभाल
जन्म के बाद वो भी खुश रहते हैं हम बच्चे माता-पिता को कहते हैं मम्मी पापा कहकर उनकी खुशी देखते हैं जिंदगी वक्त किताबों के बारे में सोचो वो भी जिंदगी की वक्त की तरह वो भी खुश रहते हैं हमें कभी दुख ना हो वो अपनी खुशी त्याग देते हैं और हम नहीं समझ पाते खुशी क्या है माँ बाप क्या है बस जब माँ बाप सेवा हमारी करते हैं हम पढाते हैं हमें जीवन में बड़ा आदमी बनने के लिए वो हर खुशी त्याग देते हैं और धीरे-धीरे जब सफल बन जाते हैं तो वो जीवन में नया दिन पाने की चाह रखते हैं वो एक वक्त बाद जब हमारी शादी करा देते हैं खुद की या अपनी पसंद तब देर करते हैं धीरे-धीरे एहसास होता है कि मां बाप संभालने वाली मिल गई लेकिन हम धोखे में रहते हैं उसके आने के बाद हम यही सोचते हैं मां बाप हमारे सुख से जिएंगे वो अपने पोते पोती को प्रेम काटेंगे लेकिन उसके जीवनसाथी की वजह हम लोगों को मां बाप से अलग होना पड़ता जीवनसंगनी की वजह उन्हें वृद्धाहम् भेजना पढ़ता है इतना समझता हूं कि सूरज की आच धीमी हो फर्क नहीं पड़ता लेकिन बूढ़े मां बाप घर में ना हो इसे ये घर बहुत सुना लगता है। मैं गुज़ारिश करता हूँ जीतना तुम जी लो माँ बाप हस्के जो बोले उनको बस सुन लो दुनिया में विधाता के बाप माँ बाप है ज़रा तुम उनकी कदर कर लो.......!

धन्यवाद
DRx Pradumna Pandey