सन्नाटा..... ( एक दृश्य )
आज कुछ बदला- बदला सा हैं, कुछ खोया -खोया सा है | आज कुछ अधूरा -अधूरा सा है
आज चारो तरफ बस बिखरा है तो सन्नाटा|
ना ही गरम चाय -गरम चाय का शोर है,
ना ही ट्रेन मे जगह पाने के लिए होती धक्का मुक्की है, और ना ही ट्रेन...
आज चारो तरफ बस बिखरा है तो सन्नाटा|
ना ही गरम चाय -गरम चाय का शोर है,
ना ही ट्रेन मे जगह पाने के लिए होती धक्का मुक्की है, और ना ही ट्रेन...