"आकर्षण"
राजकुमारी नैनावती का विवाह महराज देवदत्त के साथ बहुत धूमधाम से हुआ और वो उन्हें अपनी जीवनसंगिनी बनाकर अपने राज्य सोनपुर में ले आएं। नैनावती बेहद शांत और मृदुभाषी थीं और अपने नाम के अनुरूप आकर्षक नयन थे उनके। महराज अपनी रानी से बहुत स्नेह करते थे।
शनै: शनै: समय पंख लगा कर उड़ने लगा और नैनावती ने एक वर्ष पश्चात एक कन्या को जन्म दिया। महराज देवदत्त थोड़े रूष्ठ हो गये क्योंकि उन्हें पुत्र की आशा थी। फिर दो वर्ष पश्चात उन्हें पुत्र की प्राप्ति हुई। महराज बेहद प्रसन्न हुए और पूरे राज्य में उन्होंने मिठाइयां वितरण कराएं।
एक दिन नैनावती ने महराज से मायके जाने का आग्रह किया जिसे महराज ने अस्वीकार कर दिया।उनका...
शनै: शनै: समय पंख लगा कर उड़ने लगा और नैनावती ने एक वर्ष पश्चात एक कन्या को जन्म दिया। महराज देवदत्त थोड़े रूष्ठ हो गये क्योंकि उन्हें पुत्र की आशा थी। फिर दो वर्ष पश्चात उन्हें पुत्र की प्राप्ति हुई। महराज बेहद प्रसन्न हुए और पूरे राज्य में उन्होंने मिठाइयां वितरण कराएं।
एक दिन नैनावती ने महराज से मायके जाने का आग्रह किया जिसे महराज ने अस्वीकार कर दिया।उनका...