बाल्लम्मा ने कार मे ड्राईवर के साथ की ...
एक दिन अचानक बाल्लम्मा के पति ने घर आकर कहा मेरि ट्रांसफर हुई है। केरला जाना होगा। सुनकर बाल्लम्मा को आछा नही लगा।अंजान जगह और वहा के लोग कैसे होन्गे और वहा कैसे रहेंगे ये सब सोचने लगी।पर सरकारी नौकरी होने की वजह से जाना जरूरी था पति को और उन्के साथ फैमिली को भी।कैसे तोह मन बनाके अगले हफ्ते सारी फैमिली केरला निकल गयी। अंजान शहर था और लोगो का बात करनेका रहने का तौर तरीका बिल्कुल अलग।
पति सुबह ऑफिस निकल जाते थे। उन्हे लेने के लिए ऑफिस की कार आती थी। बाल्लम्मा ने देखा यहा के लोग काफी काले दिखते है। किस्से बात भी नही करती थी। कुछ लोग ज्यादा कर लुंगी मे घुमा करते थे। एक दिन बाल्लम्मा बिमार हुई और उसने पति को बताया। पर कोई भी डॉक्टर पहचान का ना होने के कारण उसने ड्राईवर से पुछा। ड्राईवर आछा था और वोह बोला मे ही डॉक्टर के पास लेकर जाता हू।वोह घर पोछा और बाल्लम्मा ने दरवाजा खोला। बाल्लम्मा ठीक से चल भी नही पा रही थी। ड्राईवर ने कहा मे अपको डॉक्टर के पास ले जाने आया हू। उसने बाल्लम्मा को सहारा देकर कार मे बिठाया।
डॉक्टर के पास दिखाकर फिर घर छोड़ने चला आया।ड्राईवर का उसको छूना कुछ ठीक नही लगा।उसने कमर पर हाथ रखकर...
पति सुबह ऑफिस निकल जाते थे। उन्हे लेने के लिए ऑफिस की कार आती थी। बाल्लम्मा ने देखा यहा के लोग काफी काले दिखते है। किस्से बात भी नही करती थी। कुछ लोग ज्यादा कर लुंगी मे घुमा करते थे। एक दिन बाल्लम्मा बिमार हुई और उसने पति को बताया। पर कोई भी डॉक्टर पहचान का ना होने के कारण उसने ड्राईवर से पुछा। ड्राईवर आछा था और वोह बोला मे ही डॉक्टर के पास लेकर जाता हू।वोह घर पोछा और बाल्लम्मा ने दरवाजा खोला। बाल्लम्मा ठीक से चल भी नही पा रही थी। ड्राईवर ने कहा मे अपको डॉक्टर के पास ले जाने आया हू। उसने बाल्लम्मा को सहारा देकर कार मे बिठाया।
डॉक्टर के पास दिखाकर फिर घर छोड़ने चला आया।ड्राईवर का उसको छूना कुछ ठीक नही लगा।उसने कमर पर हाथ रखकर...