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दोस्ती से प्यार तक का सुहाना सफर.....
#रॉन्गनंबर
बड़ी ज़ोर की बारिश हो रही थी। आसमान में बिजली कड़कड़ा रही थी पर घर पर बिजली गुल थी। तभी फोन की घंटी बजी और जीत ने रिसीवर उठा के कहा हैलो, कौन है? उधर से आवाज़ आई ओह, सॉरी, रॉन्ग नंबर, और फोन रख दिया गया। जीत को दो साल पहले की वो तूफानी रात याद आ गई। उस दिन भी तो ऐसे हीं जोर की बारिश हो रही थी तभी फोन की घंटी बजती है जीत ने रिसीवर उठा के कहा हैलो उधर से लड़की की आवाज आती है ।जीत हैलो जवाब देते के साथ पूछता है कौन? वो मैं प्रिया सहमी आवाज में उधर से उत्तर आया ।जीत अभी कुछ बोलता इससे पहले उधर से प्रिया बोल पड़ती है तुम मुझे नहीं जानते पर मैं तुम्हे जानती हूं ।तुम जीत हो न जीत बहुत शर्मीले लहजे का लड़का था। उसे समझ नही आ रहा था ।अचानक एक लड़की का फोन आता है और वो उसका नाम भी जानती है ।जीत के मन बहुत सारे सवाल उठ रहे थे मगर वो कुछ बोलने की हिम्मत नही कर पा रहा था। जीत कॉलेज में भी फुटबॉल का चैंपियन है और टीम का लीडर कॉलेज के सारे लड़के उसके दोस्त थे मगर लड़कियों से वो थोड़ा कतराता था । प्रिया ने भी जीत को कॉलेज में ही देखा था । जीत दिखने में भी बहुत आकर्षित था ,सुडौल शरीर ,लंबे कद काठी और सहजता से परिपूर्ण उसकी आंखो में अजीब सा तेज था । उसके चर्चे पूरे कॉलेज में क्या लड़का क्या लड़की और क्या टीचर उसकी प्रशंसा करते नहीं थकते थे । प्रिया ने उस कॉलेज में अभी कुछ दिन पहले ही दाखिला लिया है । प्रिया ने जीत का नंबर कॉलेज के उसके किसी दोस्त से लिया था। प्रिया को जीत की प्रशंसा सुन कर उससे बात करने की तीव्र इच्छा हो रही थी । प्रिया खुद को रोक नहीं पाई उसने तुरंत ही जीत को कॉल मिलाया । जीत जितना ही शर्माता और कतराता था प्रिया ठीक उसके विपरीत खुले विचारों और खुल कर अपनी बात रखने वाली साहसी लड़की थी । चूंकि प्रिया एक बड़े घर की लड़की और अपने मां बाप की इकलौती थी । उसमें बचपना बहुत था मगर जीत के जिंदगी में ये रॉन्ग नंबर उसके जिंदगी में एक नया मोड़ लाया । जीत और प्रिया हर रोज बात करने लगे देखते ही देखते दोनो में गहरी दोस्ती हो गई फिर ये दोस्ती न जाने कब लगाव फिर लगाव से कब प्यार में बदल गई उन्हे पता हीं नहीं चला अब दोनो एक दूसरे से बात किए बिना एक दिन नहीं रह पाते । दोनो कॉलेज रोज आते वक्त बिताते एक दूसरे के साथ बाते करते । एक दिन प्रिया जब कॉलेज से घर गई तो उसके पापा ने उसे बताया कि उनका ट्रांसफर अब कोलकाता में हो गया है । ये खबर सुनते ही प्रिया बहुत उदास हो गई उसने जीत को ये बात बताने के लिए कॉल किया मगर जीत ने कॉल नहीं उठाया । अगले ही दिन प्रिया शहर छोड़ कर अपने पापा के साथ जाने लगी और जीत को एक खत लिखा और उसके दोस्त को देने के लिए बोल कर चली गई । अगले दिन जब जीत कॉलेज गया तो प्रिया नही आई थी ये देख कर उसने प्रिया को फोन मिलाने की कोशिश की मगर फोन नहीं लगा । उसे प्रिया का खत मिला जिसमे प्रिया ने ट्रांसफर की बात बताते हुए । आई विल मिस यू और गुड बाय लिखा था । जीत उदास था मगर प्रिया तो जा चुकी थी । कई साल बीत गए फिर आज जोर की बारिश और आसमान में बिजली कड़कड़ा रही थी। फोन की रिंग बजती है ,जीत रिसीवर उठा कर हैलो बोलता है उधर से आवाज आती है ओह सॉरी रॉन्ग नंबर बोल कर कॉल रख दिया जाता है उधर से जीत समझ गया ये आवाज प्रिया की है जीत फिर से कॉल मिलाता है । जीत के जिंदगी में किस्मत ने एक बार फिर से दस्तक दिया है इस बार वो किसी भी हालत में प्रिया को दुबारा खोना नही चाहता । इस बार बड़ी हिम्मत जुटा कर जीत ने अपने दिल की बात प्रिया से कह दिया । ’प्रिया क्या तुम मुझसे शादी करोगी मैं तुम्हारे साथ अपनी पूरी जिंदगी बिताना चाहता हूं । प्रिया भी जीत को अब खोना नही चाहती थी एक बार तो किस्मत ने उससे मानो सब छीन ही लिया था दुबारा मौका मिला है प्रिया ने भी बिना देर किए हां कर दी । रॉन्ग नंबर से शुरू हुआ रिश्ता आज शादी तक पहुंच हीं गया। दोनो शादी के पवित्र बंधन में बंध गए ।रॉन्ग नंबर लाइफ का राइट डिसीजन बन गया। इस कहानी की भी उनके शादी के साथ हैप्पी एंडिंग हो गई ।
© sukriti Singh