हमारी मां(५)
अगले दिन मम्मी और आंटी दौलताबाद के लिए निकले।वे वहां के पटवारी के यहां पहुंचे।उन्होंने उनसे अच्छा व्यवहार किया।बातचीत में उन्होंने ये बताया "तीस साल पहले इन तीनों गांवों के पटवारी एक ही थे।उनका नाम था मार्तंड राव ।वे बहुत क्रोधी और उसूलों वाले थे।उनके सात बच्चे थे। वे वेरूल के रहने वाले थे। ज्यादा तो मैं नहीं बता सकता ।जोशी जी होते तो बता देते।पर हां कुलताबाद उनकी पत्नी का मायका है शायद आपको वहां कुछ पता चले।"
'हम कुलताबाद हो कर आए हैं।वो मेरा ननिहाल है।आंटी बोलीं'।
"तब तो आप आसानी से इनसे मिल सकती हैं।वहां रावजी रहते हैं ।वो अवश्य कुछ बता देंगे।" "जी ठीक है कहकर वे दोनों निकल रही थीं,तभी उन्होंने रोका और एक पत्र लिखने लगे।इसी बीच उनकी...
'हम कुलताबाद हो कर आए हैं।वो मेरा ननिहाल है।आंटी बोलीं'।
"तब तो आप आसानी से इनसे मिल सकती हैं।वहां रावजी रहते हैं ।वो अवश्य कुछ बता देंगे।" "जी ठीक है कहकर वे दोनों निकल रही थीं,तभी उन्होंने रोका और एक पत्र लिखने लगे।इसी बीच उनकी...