...

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पहले प्यार का पहला गम
राह चलते मिली, चादनी चौक पर
आंख उससे मिली, आंख कि नोक पर
उसने उससे कहा, इसने इससे कहा
कोई चुप ना उस मुलाकात पर....

आग दिल मै लगी है, यहा और वहा
जाने कैसी वो होगी, ओर होगी कहा
सोचते, सोचते नींद आई नही
खुद ही खो सा गया हू, मै जाने कहा

कुदरत का फ़िर खेल हुआ, हम दोनो का मेल हुआ
प्यार हुआ इजहार हुआ, मित्रो मे हाहाकार हुआ
खासम -खास हुआ मै उनको
पर पार्टी मे कंगाल हुआ

बहुत हुई फ़िर तारीफ़े ,ओर बेहद चाह बढ़ी
बीते कुछ ही माह, मोहोब्बत फ़िर फ़रमान चढ़ी
चढ़ गया रंग इश्क का यारो,शादी की बात चली

नही मिला है, प्यार हमारा , हमको आज घड़ी
नही मिली है जाति हमारी ,अब भी रुढीबाद बड़ी

जात मिले ना मिले, पर दिल का मेल जरुरी है
इंडिया 2020 मे क्या ये, अब भी खेल जरुरी है
*राजा आदर्श गर्ग*