रूह से जुड़ी मोहब्बत (Real Story)
कहते हैं, इश्क़ कभी सरहदों का मोहताज नहीं होता। यह न धर्म देखता है, न राज्य, न ही चेहरा। कुछ प्रेम कहानियाँ ऐसी होती हैं जो कभी मिलन की मंज़िल तक नहीं पहुँचतीं, फिर भी उनकी रूहें जुड़ी रहती हैं। यही कहानी है आर्या और अयान की—एक ऐसा इश्क़, जो सिर्फ शब्दों और भावनाओं में पनपा, लेकिन रूहानी रिश्ते से गहराई तक जुड़ा रहा।
आर्या दिल्ली में रहने वाली एक लड़की थी। वह कविताओं की दीवानी थी और साहित्यिक मंचों पर अक्सर अपने विचार साझा करती थी। दूसरी ओर, अयान, जो कश्मीर से था, एक लेखक था और अपने ब्लॉग के माध्यम से दुनिया को देखता था।
दोनों की पहली मुलाकात एक ऑनलाइन साहित्यिक मंच पर हुई। आर्या की एक कविता पर अयान ने टिप्पणी की थी, और वहीं से संवाद का सिलसिला शुरू हुआ। आर्या की कविताएँ और अयान की कहानियाँ, शब्दों का ऐसा संगम बन गया जिसने दोनों की आत्माओं को जोड़ दिया। दोनों की बातचीत साहित्य से शुरू होकर धीरे-धीरे जीवन के गहरे पहलुओं तक पहुँच गई।
आर्या और अयान ने कभी एक-दूसरे की तस्वीरें नहीं देखीं। उनके लिए चेहरा मायने...
आर्या दिल्ली में रहने वाली एक लड़की थी। वह कविताओं की दीवानी थी और साहित्यिक मंचों पर अक्सर अपने विचार साझा करती थी। दूसरी ओर, अयान, जो कश्मीर से था, एक लेखक था और अपने ब्लॉग के माध्यम से दुनिया को देखता था।
दोनों की पहली मुलाकात एक ऑनलाइन साहित्यिक मंच पर हुई। आर्या की एक कविता पर अयान ने टिप्पणी की थी, और वहीं से संवाद का सिलसिला शुरू हुआ। आर्या की कविताएँ और अयान की कहानियाँ, शब्दों का ऐसा संगम बन गया जिसने दोनों की आत्माओं को जोड़ दिया। दोनों की बातचीत साहित्य से शुरू होकर धीरे-धीरे जीवन के गहरे पहलुओं तक पहुँच गई।
आर्या और अयान ने कभी एक-दूसरे की तस्वीरें नहीं देखीं। उनके लिए चेहरा मायने...