प्रेम क्या है
प्रेम, ईश्वर द्वारा मानव को दिया हुआ सबसे अमूल्य उपहार है। जब आप प्रेम का अनुभव करते हैं तो समय कैसे बीत जाता है आपको पता ही नहीं चलता। जब प्रेमी और प्रेमिका एक दूसरे को प्रेमपूरित आँखों से निहारते हुए एक दूसरे में खो जाते हैं तब समय को मानो पर लग जाते हैं।
प्रेम आयु, जाति, धर्म, अमीर, गरीब कुछ नहीं जानता, उसे सिर्फ प्रेम की भाषा ही समझ में आती है। जब आप कहते हैं कि आप प्रेम में हैं, तो इसका मतलब, आपको इस संसार में अचानक ही सब कुछ सुन्दर, और प्यार भरा नज़र आने लगता है, हर एक चीज़ में आपको नयापन लगता है। असल में जब आप को अपने आसपास की हर चीज़ अंजान, और बेमतलब सी लगने लगती है, और अचानक से ही सिर्फ एक व्यक्ति ही आपको सुनाई, और दिखाई देने लगता है बाकी सब भ्रम प्रतीत होने लग जाते हैं तब आप उस अजनबी एहसास को प्रेम की संज्ञा देते हैं।
प्रेम एक रिश्ते की नीव रखता है, एक ऐसा रिश्ता जो आपके अधूरेपन को भर दे, एक ऐसा रिश्ता जो आप को जीने की वजह दे जाये, एक ऐसा रिश्ता जिसमें आप खुद को भी भूल कर सिर्फ और सिर्फ अपने...
प्रेम आयु, जाति, धर्म, अमीर, गरीब कुछ नहीं जानता, उसे सिर्फ प्रेम की भाषा ही समझ में आती है। जब आप कहते हैं कि आप प्रेम में हैं, तो इसका मतलब, आपको इस संसार में अचानक ही सब कुछ सुन्दर, और प्यार भरा नज़र आने लगता है, हर एक चीज़ में आपको नयापन लगता है। असल में जब आप को अपने आसपास की हर चीज़ अंजान, और बेमतलब सी लगने लगती है, और अचानक से ही सिर्फ एक व्यक्ति ही आपको सुनाई, और दिखाई देने लगता है बाकी सब भ्रम प्रतीत होने लग जाते हैं तब आप उस अजनबी एहसास को प्रेम की संज्ञा देते हैं।
प्रेम एक रिश्ते की नीव रखता है, एक ऐसा रिश्ता जो आपके अधूरेपन को भर दे, एक ऐसा रिश्ता जो आप को जीने की वजह दे जाये, एक ऐसा रिश्ता जिसमें आप खुद को भी भूल कर सिर्फ और सिर्फ अपने...