नवोदय एक पहचान
Examiner: तुम्हारा मेजर गेम कौन सा है
मैं: सर योगासन
Examiner: कहां तक खेला है
मैं: सर मैंने नेशनल खेला है (स्कूल गेम्स में),ओपन नेशनल खेला है साथ में आल इंडिया भी खेला है ।
Examiner: एसजीएफआई क्या है ?
मैं: सर स्कूल गेम्स
Examiner: कौन से स्कूल से हो
मैं: सर JNV(NVS)
Examiner: कौन सा जेएनवी..
मैं : सर जे.एन.वी मनकापुर, गोंडा
Examiner: पीटी सर कौन है
मैं: सर बृजेश तिवारी सर (उनसे पहले u.k Singh सर थे, उन्नाव में उनका घर है पर वह अब रिटायर हो चुके हैं। )
Examiner : रुको अच्छा (अपने फोन से कांटेक्ट नंबर निकालते हैं किसी का)
और कॉल करके बताते हैं कि आपका एक बच्चा हमें मिला है ।योग का है ! हम उसका प्रैक्टिकल लेने आए हैं । एग्जामिनर बनके...
(थोड़ी देर बात करने के बाद)
एग्जामिनर : लो बेटा बात करो,तुम्हारे सर है।
मैं : प्रणाम सर
(जवाब में यू.के सिंह सर,पीटी सर की आवाज सुनाई पड़ी....
वो पीटी सर ही थे।)
पीटी सर:( U.k Singh sir )खुश रहो, कैसे हो जनक (वही पुरानी, बुलंद और जानी पहचानी आवाज जो मैंने कक्षा 6 से 10 तक सुबह शाम सुन रखी थी)
मैं: मैं ठीक हूं सर आप कैसे हैं
पीटी सर : मैं भी ठीक हूं ,तुमको कहां मिल गए ये
मैं : सर आज मेरा बीपीएड का प्रैक्टिकल है तो सर एग्जामिनर बनके आए हैं ।
(और भी बहुत सारी बातें हुई (लगभग 10 मिनट) उसके बाद..
सर : बेटा जरा एग्जामिनर को फोन देना ।
एग्जामिनर : हां सर बताइए
पीटी सर : (Examiner से) यह अपना स्टूडेंट है देख लेना ।
Examiner: सर आपको कहने की जरूरत नहीं इसने पहले ही नवोदय का, नेशनल योग , व आल इंडिया योग,का नाम ले लिया था वही काफी है।
(फोन बंद करने के बाद......)
Examiner: मुस्कुराते हुए - ठीक है बेटा ,
अब आप जा सकते हो।
मैं : ओके सर
धन्यवाद सर..।
(दिल खुश हो गया आज इसलिए नहीं कि प्रैक्टिकल में मुझे सपोर्ट मिला
बल्कि इसलिए कि आज 7 साल के बाद भी सर
उसी तरह से पहचान लिए ,जैसे पहले जानते थे।)
मन खुश हो गया आज इसलिए की लोग
नवोदय के नाम से पहचानते है
नवोदय पहचान है ❣️,)
मैं: सर योगासन
Examiner: कहां तक खेला है
मैं: सर मैंने नेशनल खेला है (स्कूल गेम्स में),ओपन नेशनल खेला है साथ में आल इंडिया भी खेला है ।
Examiner: एसजीएफआई क्या है ?
मैं: सर स्कूल गेम्स
Examiner: कौन से स्कूल से हो
मैं: सर JNV(NVS)
Examiner: कौन सा जेएनवी..
मैं : सर जे.एन.वी मनकापुर, गोंडा
Examiner: पीटी सर कौन है
मैं: सर बृजेश तिवारी सर (उनसे पहले u.k Singh सर थे, उन्नाव में उनका घर है पर वह अब रिटायर हो चुके हैं। )
Examiner : रुको अच्छा (अपने फोन से कांटेक्ट नंबर निकालते हैं किसी का)
और कॉल करके बताते हैं कि आपका एक बच्चा हमें मिला है ।योग का है ! हम उसका प्रैक्टिकल लेने आए हैं । एग्जामिनर बनके...
(थोड़ी देर बात करने के बाद)
एग्जामिनर : लो बेटा बात करो,तुम्हारे सर है।
मैं : प्रणाम सर
(जवाब में यू.के सिंह सर,पीटी सर की आवाज सुनाई पड़ी....
वो पीटी सर ही थे।)
पीटी सर:( U.k Singh sir )खुश रहो, कैसे हो जनक (वही पुरानी, बुलंद और जानी पहचानी आवाज जो मैंने कक्षा 6 से 10 तक सुबह शाम सुन रखी थी)
मैं: मैं ठीक हूं सर आप कैसे हैं
पीटी सर : मैं भी ठीक हूं ,तुमको कहां मिल गए ये
मैं : सर आज मेरा बीपीएड का प्रैक्टिकल है तो सर एग्जामिनर बनके आए हैं ।
(और भी बहुत सारी बातें हुई (लगभग 10 मिनट) उसके बाद..
सर : बेटा जरा एग्जामिनर को फोन देना ।
एग्जामिनर : हां सर बताइए
पीटी सर : (Examiner से) यह अपना स्टूडेंट है देख लेना ।
Examiner: सर आपको कहने की जरूरत नहीं इसने पहले ही नवोदय का, नेशनल योग , व आल इंडिया योग,का नाम ले लिया था वही काफी है।
(फोन बंद करने के बाद......)
Examiner: मुस्कुराते हुए - ठीक है बेटा ,
अब आप जा सकते हो।
मैं : ओके सर
धन्यवाद सर..।
(दिल खुश हो गया आज इसलिए नहीं कि प्रैक्टिकल में मुझे सपोर्ट मिला
बल्कि इसलिए कि आज 7 साल के बाद भी सर
उसी तरह से पहचान लिए ,जैसे पहले जानते थे।)
मन खुश हो गया आज इसलिए की लोग
नवोदय के नाम से पहचानते है
नवोदय पहचान है ❣️,)