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हिंदी और मै
भारत के आजाद होने के पहले भी भारत के कई क्षेत्रो में हिंदी भाषा बोली जाती थी। वर्तमान में भारत की राष्ट्रीय भाषा हिन्दी है।इसको हमारे संविधान ने १९५०(1950) मै राष्ट्रीय भाषा का दर्जा दिया था। क्योंकि उस समय भारत के अधिकांश लोगों द्वारा हिन्दी भाषा का प्रयोग होता था।तब दक्षिण भारत में हिंदी भाषा का बहुत विरोध होता था।किन्तु समय के साथ सभी भारतीयों ने अपने मन से हिंदी को राष्ट्रीय भाषा मनाना प्रारंभ कर दिया।परन्तु आज भी दक्षिण भारत में अधिकांश लोगों को हिंदी भासा पढ़ना और लिखना नहीं आता है।
इसका उदाहरण निम्नलखित है। एक बार सन 2017या2018 मै दक्षिण भारत के किसी मुख्यमंत्री को हिंदी में पत्र लिखा था।तब उन्होंने सम्मानजनक व्यवहार से कहा था कि उन्हें हिंदी नहीं आती है।इसलिए यदि आपको पत्र भेजना है तो आप मुझे अंग्रेजी या वहां की भाषा मै पत्र भेजो।
मै आपको एक और उदाहरण देता हूं।आज भी दक्षिण भारत में बसो और सार्वजनिक स्थानों पर अंग्रेजी या वहा कि भाषा में लिखा हुआ होता है।इसलिए यदि कोई अन्य क्षेत्र का भारतीय वहा जाए और उस अंग्रेजी या वहा कि भाषा न आए तो उसका वहा रहना मुश्किल है।यह हमारे लिए कितनी शर्म की बात है कि भारत में ही हिन्दी का प्रयोग सही से नहीं हो रहा है।
ऐसा नहीं है कि हिंदी का विस्तार केवल भारत में ही है।इसका उपयोग भारत के पड़ासी देशों में भी होता है।चीन के अलावा सभी पड़ोसी देशों मै हिंदी का प्रयोग होता है।
हमारे देश मै 14सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है।क्योंकि इसी दिन हिंदी को राष्ट्रीय भाषा का दर्जा दिया गया था। हिंदी एक ऐसी भाषा है , जिस भाषा में सभी भाषाओं के शब्द मिलते हैं। कहा जाता है कि हिंदी संस्कृत भाषा की पुत्री है अर्थात् संस्कृत भाषा से हिंदी भाषा उत्पन्न हुई थी।मै भारत का नागरिक हूं तो मेरा हिंदी से एक अलग ही रिश्ता है।भारत में दक्षिण के कुछ अंश को छोड़ दो तो सम्पूर्ण भारत में हिंदी का प्रयोग होता है।
आज हिंदी का अस्तित्व समाप्त होता जा रहा है।क्योंकि आज हिंदी का स्थान अंग्रेजी ले रही है।एक समय ऐसा था जब भारत क्या विदेशो में भी हिंदी और संस्कृत भाषा के विद्यालय होते थे।परंतु आज संस्कृत क्या हिंदी भाषा के विद्यालय भी बहुत कम हो रहे हैं।यह जमाना अंग्रेजी भाषा का हो रहा है।साथ ही आज अंग्रेजी भाषा के विद्यालय बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं।

इस प्रकार हिंदी भाषा तो एक दिन समाप्त हो जाएगी। आज अंग्रेजी माध्यम के विद्यलयो मै कहा जाता है कि आप अंग्रेजी बोलो नहीं तो मार पड़ेगी।
मै यह मानता हूं कि अंग्रेजी एक अंतरराष्ट्रीय भाषा है।साथ ही इसका उपयोग सम्पूर्ण जगत में हो रहा है और यह ज्यादा काम आ रही है।तो इसका मतलब यह नहीं है कि हम लोग हिंदी भाषा को भूल जाएं।चाहे कुछ भी हो जाए हमे हिंदी को छोड़ना नहीं चाहिए।मै यह नहीं कहता कि आप अंग्रेजी को छोड़ो और हिंदी को अपनाओ ।मै यह कहना चाहता हूं कि हमें हिंदी को भी उतना ही सम्मान देना चाहिए ,जितना हम अंग्रेजी को दे रहे हैं।हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा मातृभाषा थी , है , और रहेगी।

जय हिन्द जय भारत।।
जय हिंदी भाषा।।
©रूप (R.G.H.)
© रूप(R.G.H.)