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#महाकुंभ प्रयागराज
एक दिन यूँही बैठे बैठे सोचा कि आज मेरे पास सबकुछ है अच्छा घर , अच्छी गाड़ी और दो प्यारे प्यारे बच्चे और मुझे अब जिंदगी में क्या चाहिए। और उसी रात अचानक आधी रात को करीब 2.30 बजे मेरी नींद टूट गई और मैं जाग गया और अपने बिस्तर पर बैठ गया। मन में कुछ बेचैनी हो रही थी कुछ अच्छा नहीं लग रहा था, और मानो ऐसा लग रहा था कि कुछ तो कमी है जो मुझे समझ में नहीं आ रही। सब कुछ होने के बाद भी मानो ऐसा लग रहा था कि कुछ तो कमी है, फिर मैने सोचा चलो प्रयागराज में महाकुंभ लगा है अपने परिवार के साथ गंगा स्नान करके आता हूं शायद मन में कुछ शांति मिल जाए। इतना सोच कर मैं फिर सो गया। और सुबह मैने अपनी पत्नी से कहा चलो प्रयागराज चलते है गंगा...