सुकून.... दिल का
हां इस चांद ने दिया मुझे सुकून दिल का
तेरी नाराजगी मुझे इस कदर सता उठी
खुद अकेले चांद को मैं किस्सा बता उठी
नाराज तेरे हर शब्द में मैं मेरी गुस्ताखी ढूंढ रही थी
अनजान हो गई खुद से मैं खुद...
तेरी नाराजगी मुझे इस कदर सता उठी
खुद अकेले चांद को मैं किस्सा बता उठी
नाराज तेरे हर शब्द में मैं मेरी गुस्ताखी ढूंढ रही थी
अनजान हो गई खुद से मैं खुद...