*परन्तु वेतन कम है*..!!
*परंतु वेतन कम हैं*..!!
मित्रों हम सभी चाहतें हैं कि ,हमें या फिर हमारे बच्चों को एक अच्छी नौकरी मिले और कम काम में भी उसे अच्छी ख़ासी तनख्वाह मिलें ।इस आशा में लोग ज़िंदगी को निराशा के अंधेरे तले झोंक देते हैं ।इसे एक मानसिक समस्या भी कह सकते हैं । इस कहानी के माध्यम से उसे ही समझने की कोशिश की गई है। उम्मीद है ,आप सभी इसे पसंद करें और अपने विचार कमेंट में अवश्य बताएं।🙏
*परंतु वेतन कम हैं*..!!
पता नहीं ये बैंक वाले लोन देंगे या नहीं ।अगर नहीं दिया तो ,मैं कैसे संभालूंगा यह बिगड़े हुए हालात ।पता नहीं ज़िंदगी में इतनी परेशानियां मेरे क्यों आ गई ।अब कैसे-कैसे संभालू इन सब समस्याओं को एक साथ। ऊपर से मेरे पास कोई भी नौकरी नहीं है ।
बैंक के अंदर बैठा शुभम मन में कई तूफानों समान समस्या से अकेला जूझ रहा था।
"सर आपको ऑफिस में मैनेजर साहब बुला रहे हैं"..! एक व्यक्ति ने उसके पास आकर कहा।
लड़खड़ाते कदमों और घबराहट भरें मन से शुभम ने ऑफिस में कदम रखा ।"अरे गौरव तुम यहां कैसे ?क्या तुम ही यहां के मैनेजर हो ?बहुत सालों बाद तुम्हें देखकर बहुत खुशी हुई"..! शुभम ने कहा।
गौरव_"हां यार ..!मैं ही हूं मैनेजर और तू बता कैसे चल रही है जिंदगी तेरी ।तू तो बहुत खुश ही होगा ।मैं भी क्या सवाल पूछ रहा हूं और यह 50,000 की लोन का क्या है ।यह तुझे ही चाहिए क्या ?क्या...
मित्रों हम सभी चाहतें हैं कि ,हमें या फिर हमारे बच्चों को एक अच्छी नौकरी मिले और कम काम में भी उसे अच्छी ख़ासी तनख्वाह मिलें ।इस आशा में लोग ज़िंदगी को निराशा के अंधेरे तले झोंक देते हैं ।इसे एक मानसिक समस्या भी कह सकते हैं । इस कहानी के माध्यम से उसे ही समझने की कोशिश की गई है। उम्मीद है ,आप सभी इसे पसंद करें और अपने विचार कमेंट में अवश्य बताएं।🙏
*परंतु वेतन कम हैं*..!!
पता नहीं ये बैंक वाले लोन देंगे या नहीं ।अगर नहीं दिया तो ,मैं कैसे संभालूंगा यह बिगड़े हुए हालात ।पता नहीं ज़िंदगी में इतनी परेशानियां मेरे क्यों आ गई ।अब कैसे-कैसे संभालू इन सब समस्याओं को एक साथ। ऊपर से मेरे पास कोई भी नौकरी नहीं है ।
बैंक के अंदर बैठा शुभम मन में कई तूफानों समान समस्या से अकेला जूझ रहा था।
"सर आपको ऑफिस में मैनेजर साहब बुला रहे हैं"..! एक व्यक्ति ने उसके पास आकर कहा।
लड़खड़ाते कदमों और घबराहट भरें मन से शुभम ने ऑफिस में कदम रखा ।"अरे गौरव तुम यहां कैसे ?क्या तुम ही यहां के मैनेजर हो ?बहुत सालों बाद तुम्हें देखकर बहुत खुशी हुई"..! शुभम ने कहा।
गौरव_"हां यार ..!मैं ही हूं मैनेजर और तू बता कैसे चल रही है जिंदगी तेरी ।तू तो बहुत खुश ही होगा ।मैं भी क्या सवाल पूछ रहा हूं और यह 50,000 की लोन का क्या है ।यह तुझे ही चाहिए क्या ?क्या...