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मीठा सुकून
एक लड़की जब परेशान होती है तो माँ का आँचल ढूँढती है। मगर जब टूट जाती है तो केवल पिता से ही उसे सुकून मिलता है। पिता को देख भर लेने मात्र से।
इस "पिता" शब्द में ही कितना सुकून है.. यह मैं कभी बताने का प्रयास अवश्य करूंगी।
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ऐसे ही जब मैं बिखरती थी और मुझे सुकून चाहिए होता था तो मैं तुम्हारे पास आती थी। "पिता" में जिस सुकून को मैंने पाया है, उसका जीवंत रूप हो तुम।
कभी किसी को बताना होगा ना कि सुकून की शक्ल कैसी होती है.. तो मैं तुम्हारी ओर इशारा करूंगी।

जब भी कभी कोई मुझसे पूछेगा .. तुम कैसे हो..?
तो मैं यह नहीं कहूँगी की तुम पिता जैसे हो.. नहीं!
मगर ये ज़रूर कहूंगी 'तुम में पिता सा सुकून है'..
"मीठा सुकून"।
💞❤️
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