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एनाबेले की असली कहानी |
एनाबेल की कहानी का आरंभ 1970 के दशक में एक युगल के घर के आसपास होता है। यह घर एक छोटे गाँव में स्थित है और यहाँ गुप्त रूप से कई अजीब घटनाएं होती हैं। घर में निवास करने वाले लोगों को अजीब आवाजें सुनाई देती हैं, और कई बार वे अनजाने ही घटनाओं का शिकार होते हैं।

एक दिन, युगल की बीवी ने अपने छोटे बेटे के लिए एक डॉल को उपहार में दिया। डॉल का रूप खूबसूरत था, लेकिन जैसे ही वह घर में आई, अजीब घटनाएँ शुरू हो गईं। डॉल का व्यवहार अद्भुत और डरावना होने लगा। उसके हाथ-पैर मूव होने लगे और यह अक्सर अलग-अलग जगहों पर मिलती थी, जैसे कि बच्चे के कमरे में नहीं रहती थी, लेकिन बाहर खेलती हुई पाई जाती थी।

शुरू में, युगल और उनके परिवार के सदस्य इसे इतने गंभीरता से नहीं लेते थे, लेकिन जब घटनाएँ और डॉल का व्यवहार और भी विचित्र हो गया, तो वे इसे एक आत्मिक ताकत का प्रतीत करने लगे। उन्हें लगा कि डॉल में किसी अनदेखे शक्ति का वास हो सकता है, जो उनके परिवार को प्रभावित कर रही है।

एक दिन, डॉल ने अपनी साहसिकता दिखाई और एक परिवार के सदस्य के साथ संवाद में प्रवेश किया। इसके बाद, उस व्यक्ति को अत्यधिक दुःख और असुविधा का अनुभव होने लगा, जो इसे और भी अधिक खतरनाक बना दिया।

इस घटनाक्रम के बाद, युगल ने डॉल को उसके खतरनाक प्रभावों से बचाने का निर्णय किया। वे एक आध्यात्मिक गुरु की मदद लेते हैं, जो उन्हें डॉल को संदेश करने के लिए सहायता करता है। गुरु ने एक विशेष रियल एजेंट को बुलाया, जो डॉल के अंदर के आत्मा को शांत करने के लिए एक पवित्र क्रिया का आयोजन किया। इस क्रिया के बाद, डॉल को एक सुरक्षित स्थान पर स्थापित किया गया, जहां इसे किसी के पहुँच से बचाया गया।