सहारा
मम्मी आप यहां...... ऐसे कयुं बैठी है ....चाय बना लाऊं आपके लिए ......
नही कुछ नही सुधा .....बस यूहीं ....नींद नहीं आ रही थी .....सुषमा जी बोली
मम्मी .....तबीयत तो ठीक है ना आपकी ....दिखाइए..... बदन को हाथ लगाते हुए सुधा बोली.....
ठीक है बहु .....बेकार चिंता मत कर .....अब मुझ बुढिया की उम्र में .....खैर ....जा बिटिया मोहन जाग गया होगा तुम्हें उसके पास जाना चाहिए......
सुधा कुछ परेशान सी होकर पति मोहन के पास पहुंची.... सुनिए .....मोहनजी......
हां.... कया है सुधा ....उठता हूं अभी थोड़ी देर में ......
आप यहां सो रहे है बेफिक्र से वहां मां....
मां....कया हुआ मां को .....कया हुआ .....
मोहनजी पिछले कुछ दिनों से देख रही हूं वह ना तो ठीक से खाती है और ना ठीक से सो पाती है ....अभी भी बालकनी मे बैठी है गुमसुम सी .....मुझे उनकी चिंता हो रही है ......पापा के अचानक चले...