मजबूरी और बेवफाई
दिल के हाथों यूं मजबूर हो जाती हैं,
एक अनजान शख्स को दुनिया बनाती हैं।
बे-ख़बर दुनिया से फिर हो जाती हैं,
ख़ुशबू-ए-याद-ए-यार से महक जाती हैं।
ये रतजगे मनाती है जब दुनिया सो जाती है,...
एक अनजान शख्स को दुनिया बनाती हैं।
बे-ख़बर दुनिया से फिर हो जाती हैं,
ख़ुशबू-ए-याद-ए-यार से महक जाती हैं।
ये रतजगे मनाती है जब दुनिया सो जाती है,...