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रोहिणी की एक आशा भरा पल
मेरे जीवन का वह एक घटना जो मेरे शरीर के अंग–अंग से सोचने के लिए मजबूर हो जाता हूं ।जब उस घर को पहुंचता हूं जहां मैने सोचा भी नहीं था कि हमे इस प्रकार की घटनाओं से भिज्ञ होना पड़ेगा। बात 23 सितम्बर 2021 की हैं जब मैं खुद को कई विचारो में डूबा हुआ पाता था। रोहिणी और उसके परिवार दिनों दिन निकल जाते थे। दो वक्त की रोटी के लिए इस मर्मज्ञ जीवन को जीने के लिए उनके भी बच्चे भी पढ़ना चाहते हैं। लेकिन हमारे देश का प्रणाली उनके लिए विचार करे तब तो जाए उनके बच्चे अपने जीवन की कुछ पहलुओं को जीने के लिए उनका भी सपना है कि वे अपने इस काम से विदा ले ले । रोहिणी का काम नमक के खेती करना था जो उनके पुरखे किया करते थे।आज वे भी कर ही रहे हैं चाहे पैर में छाले पड़े या कटे उनको क्या करना आखिर इनकी भी एक जिंदगी है । जो जीने के कुछ तो करना ही होगा । आज रोहिणी अपनी सारी दुखमय जीवन मुझे पता नही क्यों बिना रुके बस बताई जा रही थी।छंद समय की मुलाकात में इतनी सारी बाते बताई की में तो केवल सुनता रहा।मेरे मन मे जाने कब उनके लिए दयाभाव उत्पन्न होने लगा मुझे पता ही नही चला ।अब रोहिणी के पति दिवाकर के पास जा कर मैने उनसे पूछा कि आप ठीक हैं । उन्होंने कहा मेरे तो जैसे तैसे कट ही जायेगा ।लेकिन मेरा एक लड़का है उसका एक जिद्द है कि वह मैं पढ़ लिख लू तो आप दोनो लोगो काम ना करना पढ़े वह भी जानता था कि नमक की खेती से नमक तो बन जा रहे हैं लोगो के थाली में पहुंच भी रहे है लेकिन हम लोगो के मेहनत भी काफी हो जाते है नमक बनाने के लिए दो महीने घर वालो को रुकना भी हो जाता है।इस दो महीने में हम लोगो के जीवन का ज्यादा कष्टदायक होते हैं ।आज मैने भी अपने मन में कुछ सोचा की ये लोग अपनी जगह बहुत सही बात कह रहे हैं हम लोगो नमक मिल जाते है और हमे उसका जरा सा भी अहसास भी नही होता की इसके लिए कितने परिवार अपने सपनो का गला घोट रहे है आज यहां आ कर पता चला मेरे जीवन पहला ऐसा घटना जो मेरे आज शब्दो से उकेरता हूं मैं उन लोगो के लिए निशब्द नही रह सकता क्यों कि वे लोग भी एक इंसान है उनके बनाये हुए नमक हमारी थाली में अपना महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है ये भारत के समस्त नागरिक इस बात से परिचित है।आखिर उनके भी अपने सपने होंगे ।उनको भी पूरी आजादी अपने सपनो को पूरा करने के लिए बस मेरे मन में इतना ही ख्याल आया जो उनके लिए मेरा एक छोटा सा मदद होगा और मैं उनके लिए कुछ करने के लिए अयोग्य हूं मेरे बस में जितना भी होगा मैं अपना पूरा 100%उनके जीवन के लिए कोशिश करूंगा।मेरा उनके साथ कोई निजी स्वार्थ नही हैं।जिस तरह किसान अपने खेतों अनाज कड़ी मेहनत करके धूप–छाव बारिश, ठंडी उनके लिए सब सहनीय होता है ।उसके बाद अनाज की उत्पादन करते है।और जन जन के थाली में मिलता है उन सभी को पकाने में और स्वादिष्ट बनाने के लिए नमक भी अति आवश्यक होता हैं ।
© genuinepankaj