...

3 views

वो महासागर हैं प्रेम और दया की
एक बच्चा अगर अनजाने में गलती करे तो उसे समझाती है,जानबूझ के करे तो उसे दंड देती है, प्रेम में उसे गोद में ले लेती है,कठिन परिस्थितियों में उसके साथ रहती है, उसके लिए पूरी दुनियां से लढ़ जाती है,उसी दया की सागर को ‘माँ’ कहा जाता है।

माँ शक्ति का स्वरूप हर एक प्राणी में उपस्थित है।वो शक्ति से भरपूर शैलपुत्री हैं और शांति का सागर ब्रह्मचारिणी भी,वो निर्भयता की देवी चंद्रघंटा हैं और संतुलित भावनाओं बाली माता कुष्मांडा भी,वो सबके सुभ आशाओं को पूरा करने वाली...