" अब तो..... "
तुम्हारे दिल की आहट सुनने लगी हूं मैं,
अब तो, ख़्वाब तुम्हारे बुनने लगी हूं मैं,
नज़र पे काबू, न दिल पर, इख्तियार है,
हर एक जगह तुम्हें ही ढूंढने लगी हूं मैं.
एक तुम ही तो बसे हो मेरे एहसासों में,
खामोशी भी, तुम्हारी, सुनने लगी हूं मैं.
तुम्हारे दर्द से, मुझे दर्द होता है अब तो,
तुम्हारी, राहों से कांटे, चुनने लगी हूं मैं.
तुम मिलोगे किसी राह किसी मोड़ पर,
इसी, इंतजार में, दिन गिनने लगी हूं मैं.
💐🌸🌹____________🌹🌸💐
तुझसे फ़िर मिलने की दुआ करते है,
तेरी याद मे, पागल-से हुआ करते है.
अंजुमन हो या हो अब तन्हाई,
तेरे पैरो की ही आहट सुना करते है.
तुझे चाहते है दिलो-जां से ज्यादा,
अब आखिर तेरा क्या बुरा करते है.
तुम तो लाख पर्दे मे छुपे रहते हो,
तेरा हाल, हर एक से पूछा करते है.
आता हिसाब तो बेशक बता देते,
तुझसे हम अब कितनी वफ़ा करते है.
💐🌸🌹__________🌹🌸💐
याद करू सजदा करू उनसे वफ़ा करू मै,
दिल लग गया है, हाय ! अब, क्या करू मैं.
खोए _खोए रहते है उनके ही ख्यालों में,
हो गर उनसे फ़ुर्सत तो काम दूसरा करू मै.
वो, वो है, उनके जैसा, कोई भी, नहीं है,
उनकी, खूबी के बारे में, क्या बयां करू मैं.
वो याद आते है, आते ही रहेंगे अब तो,
याद, करने से, दिल को कैसे, मना करू मै.
तुमने पढ़कर, महसूस भी किया होगा,
अपनी तहरीर में, उनका ही, चर्चा करू मै.
💐🌸🌹______________🌸🌹💐
© एहसास ए मानसी
अब तो, ख़्वाब तुम्हारे बुनने लगी हूं मैं,
नज़र पे काबू, न दिल पर, इख्तियार है,
हर एक जगह तुम्हें ही ढूंढने लगी हूं मैं.
एक तुम ही तो बसे हो मेरे एहसासों में,
खामोशी भी, तुम्हारी, सुनने लगी हूं मैं.
तुम्हारे दर्द से, मुझे दर्द होता है अब तो,
तुम्हारी, राहों से कांटे, चुनने लगी हूं मैं.
तुम मिलोगे किसी राह किसी मोड़ पर,
इसी, इंतजार में, दिन गिनने लगी हूं मैं.
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तुझसे फ़िर मिलने की दुआ करते है,
तेरी याद मे, पागल-से हुआ करते है.
अंजुमन हो या हो अब तन्हाई,
तेरे पैरो की ही आहट सुना करते है.
तुझे चाहते है दिलो-जां से ज्यादा,
अब आखिर तेरा क्या बुरा करते है.
तुम तो लाख पर्दे मे छुपे रहते हो,
तेरा हाल, हर एक से पूछा करते है.
आता हिसाब तो बेशक बता देते,
तुझसे हम अब कितनी वफ़ा करते है.
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याद करू सजदा करू उनसे वफ़ा करू मै,
दिल लग गया है, हाय ! अब, क्या करू मैं.
खोए _खोए रहते है उनके ही ख्यालों में,
हो गर उनसे फ़ुर्सत तो काम दूसरा करू मै.
वो, वो है, उनके जैसा, कोई भी, नहीं है,
उनकी, खूबी के बारे में, क्या बयां करू मैं.
वो याद आते है, आते ही रहेंगे अब तो,
याद, करने से, दिल को कैसे, मना करू मै.
तुमने पढ़कर, महसूस भी किया होगा,
अपनी तहरीर में, उनका ही, चर्चा करू मै.
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© एहसास ए मानसी
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