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जिस्म के भूखे

जिस्म के भूखे

क्या कुसूर था मेरा जो अपनो ने किया ऐसा

पता नहीं था मुझे की लड़की होना गुना है ऐसा

माना था जिसे भाई वो निकला कसाई उसका भोला पन में समझ ना पाई उसने तो मुझसे अपनी हवस है मिटाई क्या कर पाती मेरी माई जब अपनो ने ही मेरी आबरु ना बचाई मैं चिकती चिल्लाई पर रुक ना पाया मेरा वो भाई ऐसा होगा मुझे मालूम ना था मै तो नादान थी इस दुनिया से अनजान थी खाने पीने का लालच मुझे देकर अपनो ने हि मूझे नोचा अपने हि घर मे यू दबोचा मे कूछ समझ न पाई क्या कर राहा है मेरा ये भाई
रो रो कर मां को आबिती बताई मां बोली वो नही है तेरा भाई वो तो है एक कसाई मां‌ ने उस को जेल‌ पोहचाई पर मेरी आबरु ना लोट कर आई घर वालो से गालीया खाई पर मेरी आबरु ना लोट कर आई ऐ गम मां सहन ना कर पाई मां ने अपनी जान‌ गवाई
© cute parmesh