...

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मेरी एक भूल
क्या मेरी एक भूल , हमारे रिश्ते में इतने भारी पड़ गई।
कि तुम मुझे , बीच राह में छोड़ने के लिए तैयार हो गई।

मेरी हर बातों को , दिल में लगा कर तुम रूठ जाती हो।
फिर मुझसे दूर जाने का , तुम अपना मन बना लेती हो।

प्यार में अक्सर , कोई ना कोई गलती हो जाया करती है।
तुम क्यों नहीं , उन गलतियों को अनदेखा कर देती हो।

यूँ ना तुम मेरी हर बात को ही,अपने दिल में लगाया करो।
कभी तो तुम मेरे,दिल के जज्बातों को समझ जाया करो।

तुमसे प्यार करते हैं ,क्या इस बात की तुम सजा देती हो।
क्यों मुझे तुम हर बार , छोड़ कर जाने की बात करती हो।

मेरी एक भूल के कारण,क्या तुम मुझसे रिश्ता तोड़ दोगी।
प्यार की राहों में , क्या तुम मुझे यूँ ही अकेला छोड़ दोगी।

क्या मेरी एक भूल , हमारे रिश्ते में इतने भारी पड़ गई।
कि तुम मुझे , बीच राह में छोड़ने के लिए तैयार हो गई।