एहसास
तुमने जो किया महसूस
मेरी एहसास थी क्या
तुमने ही तो पुछा था क्या छुपा रहे
नहीं बता रहे ,बात कुछ खास थी क्या
क्या है मुझमें जो रह नहीं पा रहे मुझे क्योँ ऐसे आजमा रहे
टूटती हुई कोई आख़िरी मैं ,सांस थी क्या
...
मेरी एहसास थी क्या
तुमने ही तो पुछा था क्या छुपा रहे
नहीं बता रहे ,बात कुछ खास थी क्या
क्या है मुझमें जो रह नहीं पा रहे मुझे क्योँ ऐसे आजमा रहे
टूटती हुई कोई आख़िरी मैं ,सांस थी क्या
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