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रॉन्गनंबर
#रॉन्गनंबर
बड़ी ज़ोर की बारिश हो रही थी। आसमान में बिजली कड़कड़ा रही थी पर घर पर बिजली गुल थी। तभी फोन की घंटी बजी और जीत ने रिसीवर उठा के कहा हैलो, कौन है? उधर से आवाज़ आई ओह, सॉरी, रॉन्ग नंबर, और फोन रख दिया गया। जीत को दो साल पहले की वो

जीत को अचानक वह समय याद आया जब वह दो साल पहले इसी रात को एक ऐसी ही कॉल करता था। उस रात, बारिश का पानी बरस रहा था, जैसे कि आज भी हो रहा था।

वह स्वाधीनता दिवस के रंगों में डूबा हुआ था, पर उसका दिल उस दिन उसके परिवार के बिना खाली था। वह सिर्फ दोस्तों के साथ वैशाखी मना रहा था, लेकिन उसके अंदर कुछ कमीज़ थी, कुछ एहसास था कि वह अकेला है।

उसने उस रात देर रात कॉल किया, किसी अनजान को, वह भी बिना सोचे समझे। और अब, दो साल बाद, एक अनजान ने उसको कॉल किया, वैसी ही रात, वैसे ही बारिश के बीच।
जीत की आँखों में आंसू आ गए, जब उसने उस समय की स्मृतियों को खोजने का प्रयास किया। उसे याद...