ब्रह्मांड का अंत
सवाल :ब्रह्मांड का अंत कब होगा कैसे होगा क्यों होगा
यह सवाल आपके मन में कभी ना कभी आया होगा और इसका जवाब इधर है
मैं जो बताने वाला हूं या जो वैज्ञानिक बता रहा है यह होगा या नहीं होगा यह कोई नहीं जानता लेकिन यह एक अनुमान है
अभी पृथ्वी का क्या हाल है यह सभी को पता है मस्त जिंदगी चल रही है चैन से लोग जी रहे हैं कुछ चीज की दिक्कत नहीं
मगर ज्यादा दिन नहीं चलेगी क्योंकि 1 दिन ऐसा आएगा जब इंसानों का अंत हो जाएगा यह ब्रह्मांड का अंत हो जाएगा जैसा डायनासोर का अंत हुआ वैसे इंसानों का भी अंत होगा
हजारों लाखों करोड़ों साल बाद यह होगा कि पृथ्वी का वातावरण बिगड़ने लगेगा सूरज अपने आप में बहुत बड़ा होने लगेगा इंसान धरती से खत्म होने लगेंगे इंसान का कोई नामोनिशान नहीं होगा इस धरती पर
सूरज अपनी जगह से है सारे ग्रहों से बड़ा होने लगेगा और वह बड़ा होने के साथ-साथ सारे जितने भी ग्रह हैं आकाशगंगा में उन्हें निकलने लगेगा सूरज उसे जलाकर राख कर देगा उसे निकल जाएगा उसे खा जाएगा सारे ग्रहों को जितने भी ग्रह है आकाशगंगा में
अब बात कर लेते हैं सूरज की अपनी सत्य पर बड़े होने की प्रक्रिया
सूरज घूमेगा नहीं दूसरे ग्रहों के नजदीकी या उसके चक्कर वह अपनी सतह पर इतना बड़ा हो जाएगा
स्वरमंडल का जितना जगह है उतना बड़ा हो जाएगा सौर मंडल में जितने भी ग्रह है वह सूरज बड़ा होगा तो वह उसके अंदर चले जाएगा और सारे ग्रह जलकर राख हो जाएंगे उसके छोटे-छोटे पार्टिकल्स इधर-उधर स्पेस में घूमने लगेंगे
सूरज जब बड़ा होगा तब पृथ्वी पर कोई भी नहीं बचेगा जो सूरज को देख सके अभी जैसा सूरत देख तक से 10 गुना बड़ा दिखेगा कुछ साल बाद लाख हजार करोड़ साल बाद
जिस आकाशगंगा में ..मिल्की वे गैलेक्सी में हमारा स्वरमंडल है वह सूरज स्वरमंडल के साइj से भी बड़ा हो जाएगा वह छोटे छोटे तारों जो मिलकर आकाशगंगा बनाते हैं हमारे मिल्की वे गैलेक्सी को सूरज खत्म ही कर डालेगा करोड़ों साल बाद
पर जब हमारा आकाशगंगा मिल्की वे गैलेक्सी खत्म हो जाएगा तब सूरज बढ़ना रुक जाएगा और सूरज भी ज्यादा दिन तक नहीं टिकेगा वह भी अपनी सत्य पर वह भी बुड्ढा होने लगेगा बुरा होते-होते 1 दिन ऐसा आएगा जब सूरज भी पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगा वह आग नहीं बल्कि वह ठंडा हो चुका है कुछ साल बाद साल बाद हमारे सोच से भी बहुत साल बाद
चांद और सूरज पूरी तरह से बर्बाद हो चुके हैं उनका नामोनिशान भी नहीं है इस ब्रह्मांड में पूरी तरह से खत्म हो चुके हैं
अब बात आती है गैलेक्सी जिस गैलेक्सी में हम रहते थे उनका नाम था मिल्की वे गैलेक्सी उसकी तरह हजारों क्या पता लाखों गैलेक्सी होंगे इस ब्रह्मांड में और वह सभी ग्लैक्सी धीरे-धीरे आपस में मिलना शुरू हो गई
ब्रह्मांड में जो छोटे-छोटे गैलेक्सी से वह मिलकर बड़े गैलेक्सी बनेंगे और जो बड़े-बड़े गैलेक्सी है वह सब मिलकर सुपर गैलेक्सी बनेंगे
अब जितने भी गैलेक्सी से अब ज्यादा दिन तक नहीं बचेंगे क्योंकि ब्लैक होल उन्हें निकल जाएगा उन्हें खा जाएगा और जितने भी छोटे-छोटे गैलेक्सी से सबको ब्लैक होल निकल जाएगा एक भी तारे अब ब्रह्मांड में नहीं बच्चे हैं और ना कभी आएंगे क्योंकि डस्ट नहीं है तो कैसे बनेगा तारे और कैसे आएंगे गैलेक्सी
ब्रह्मांड में जो कहीं कहीं दूर दूर तक 1 2 तारे थे वह भी नहीं बचे क्योंकि जितने सारे ब्लैक होल थे उन्हें भी खींचकर वह लोग निकल गए और निकलने के बाद ही अब ब्लैक होल भी मिलना शुरू हो गए सभी ब्लैक होल मिलकर सुपर ब्लैक होल बनने लगे बहुत ब्लैक होल बनने लगे
हां और एक बात जब सूरज बड़ा हो रहा था तब लोगों को रहने में दिक्कत आ रही थी जो अंबानी लोग अमीर लोग उस चांद पर चले गए मंगल पर चले गए मगर उनकी भी फिर भी पीढ़ी ज्यादा दिन तक नहीं बचि कि क्योंकि सूरज सौरमंडल के आकार से भी बड़ा हो गया था चांद भी मंगल ग्रह भी उसमें सूरज ने उसको भी मार डाला तो अब इंसानों का कोई नामोनिशान नहीं बचा
अब यह पूरे इतने बड़े ब्रह्मांड में बहुत कुछ नहीं बचा है बस ब्लैक होल के अलावा और कुछ नहीं बचा है बड़े-बड़े ब्लैक होल बच्चे हैं बस छोटे-छोटे एस्ट्रॉयड थे वह तो पहले ही बर्बाद हो गए और जो मीटर रोड घूमते थे ब्राह्मण में इधर-उधर उन्हें भी ब्लैक होल ने खींच कर अपने अंदर डाल लिया अब कुछ नहीं बचा है बस ब्लैक होल के अलावा ब्रह्मांड पूरा खाली है
फिर कुछ साल बाद ब्लैक होल कमजोर हाने लगा और वह दूसरे ब्लैक होल को खाने लगा अपने अंदर खींचने लगा फिर से वह सुपर ब्लैक होल बनने लगे सुपर ब्लैक होल बनने के साथ-साथ वह फिर अरबों खरबों साल फिर वह बूढ़े होने लगे बूढ़े होते होते वह खत्म हो गए ना अब इस पूरे इतने बड़े ब्रह्मांड में पृथ्वी है ना स्वरमंडल है ना आकाशगंगा है ना ब्लैक होल है कुछ नामोनिशान नहीं है यह ब्रह्मांड पूरा खाली पड़ा है
यह सब जब हो रहा होगा तब इस धरती पर कोई नहीं होगा ना एक छिपकली तो दूर की बात की थी नहीं रहेगी जमीन के अंदर वाले जीव भी नहीं बचेंगे यह सब नजारे को देखने के लिए सब खत्म हो चुका होगा
अब ब्रह्मांड पूरा एक काला है पूरा काला है उसमें कुछ नहीं है एक तारा क्या 1 मीटर रोड का एक छोटा सा टुकड़ा भी नहीं इस ब्रह्मांड में और यह ब्रह्मांड खाली रहेगा क्योंकि ब्रह्मांड ने कभी ना जन्म लिया ना कभी मरेगा ब्रह्मांड इसका जन्म हुआ ना यह मरेगा
मगर आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है आप अपनी जिंदगी अभी जिए क्योंकि यह अभी होगा नहीं और होगा कि नहीं होगा यह कोई नहीं बता सकता यह एक अनुमान था अभी आप अपनी जिंदगी मौज से जिए क्योंकि यह होगा भी तो अभी नहीं अरबों खरबों लाखों करोड़ों अरबों साल बाद होगा तब आप देखने के लिए रहेंगे कि नहीं पता नहीं अब आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है अपनी जिंदगी को जी
शायद ऐसे होगा ब्रह्मांड का अंत अनुमान है
w. t santanu kumae
यह सवाल आपके मन में कभी ना कभी आया होगा और इसका जवाब इधर है
मैं जो बताने वाला हूं या जो वैज्ञानिक बता रहा है यह होगा या नहीं होगा यह कोई नहीं जानता लेकिन यह एक अनुमान है
अभी पृथ्वी का क्या हाल है यह सभी को पता है मस्त जिंदगी चल रही है चैन से लोग जी रहे हैं कुछ चीज की दिक्कत नहीं
मगर ज्यादा दिन नहीं चलेगी क्योंकि 1 दिन ऐसा आएगा जब इंसानों का अंत हो जाएगा यह ब्रह्मांड का अंत हो जाएगा जैसा डायनासोर का अंत हुआ वैसे इंसानों का भी अंत होगा
हजारों लाखों करोड़ों साल बाद यह होगा कि पृथ्वी का वातावरण बिगड़ने लगेगा सूरज अपने आप में बहुत बड़ा होने लगेगा इंसान धरती से खत्म होने लगेंगे इंसान का कोई नामोनिशान नहीं होगा इस धरती पर
सूरज अपनी जगह से है सारे ग्रहों से बड़ा होने लगेगा और वह बड़ा होने के साथ-साथ सारे जितने भी ग्रह हैं आकाशगंगा में उन्हें निकलने लगेगा सूरज उसे जलाकर राख कर देगा उसे निकल जाएगा उसे खा जाएगा सारे ग्रहों को जितने भी ग्रह है आकाशगंगा में
अब बात कर लेते हैं सूरज की अपनी सत्य पर बड़े होने की प्रक्रिया
सूरज घूमेगा नहीं दूसरे ग्रहों के नजदीकी या उसके चक्कर वह अपनी सतह पर इतना बड़ा हो जाएगा
स्वरमंडल का जितना जगह है उतना बड़ा हो जाएगा सौर मंडल में जितने भी ग्रह है वह सूरज बड़ा होगा तो वह उसके अंदर चले जाएगा और सारे ग्रह जलकर राख हो जाएंगे उसके छोटे-छोटे पार्टिकल्स इधर-उधर स्पेस में घूमने लगेंगे
सूरज जब बड़ा होगा तब पृथ्वी पर कोई भी नहीं बचेगा जो सूरज को देख सके अभी जैसा सूरत देख तक से 10 गुना बड़ा दिखेगा कुछ साल बाद लाख हजार करोड़ साल बाद
जिस आकाशगंगा में ..मिल्की वे गैलेक्सी में हमारा स्वरमंडल है वह सूरज स्वरमंडल के साइj से भी बड़ा हो जाएगा वह छोटे छोटे तारों जो मिलकर आकाशगंगा बनाते हैं हमारे मिल्की वे गैलेक्सी को सूरज खत्म ही कर डालेगा करोड़ों साल बाद
पर जब हमारा आकाशगंगा मिल्की वे गैलेक्सी खत्म हो जाएगा तब सूरज बढ़ना रुक जाएगा और सूरज भी ज्यादा दिन तक नहीं टिकेगा वह भी अपनी सत्य पर वह भी बुड्ढा होने लगेगा बुरा होते-होते 1 दिन ऐसा आएगा जब सूरज भी पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगा वह आग नहीं बल्कि वह ठंडा हो चुका है कुछ साल बाद साल बाद हमारे सोच से भी बहुत साल बाद
चांद और सूरज पूरी तरह से बर्बाद हो चुके हैं उनका नामोनिशान भी नहीं है इस ब्रह्मांड में पूरी तरह से खत्म हो चुके हैं
अब बात आती है गैलेक्सी जिस गैलेक्सी में हम रहते थे उनका नाम था मिल्की वे गैलेक्सी उसकी तरह हजारों क्या पता लाखों गैलेक्सी होंगे इस ब्रह्मांड में और वह सभी ग्लैक्सी धीरे-धीरे आपस में मिलना शुरू हो गई
ब्रह्मांड में जो छोटे-छोटे गैलेक्सी से वह मिलकर बड़े गैलेक्सी बनेंगे और जो बड़े-बड़े गैलेक्सी है वह सब मिलकर सुपर गैलेक्सी बनेंगे
अब जितने भी गैलेक्सी से अब ज्यादा दिन तक नहीं बचेंगे क्योंकि ब्लैक होल उन्हें निकल जाएगा उन्हें खा जाएगा और जितने भी छोटे-छोटे गैलेक्सी से सबको ब्लैक होल निकल जाएगा एक भी तारे अब ब्रह्मांड में नहीं बच्चे हैं और ना कभी आएंगे क्योंकि डस्ट नहीं है तो कैसे बनेगा तारे और कैसे आएंगे गैलेक्सी
ब्रह्मांड में जो कहीं कहीं दूर दूर तक 1 2 तारे थे वह भी नहीं बचे क्योंकि जितने सारे ब्लैक होल थे उन्हें भी खींचकर वह लोग निकल गए और निकलने के बाद ही अब ब्लैक होल भी मिलना शुरू हो गए सभी ब्लैक होल मिलकर सुपर ब्लैक होल बनने लगे बहुत ब्लैक होल बनने लगे
हां और एक बात जब सूरज बड़ा हो रहा था तब लोगों को रहने में दिक्कत आ रही थी जो अंबानी लोग अमीर लोग उस चांद पर चले गए मंगल पर चले गए मगर उनकी भी फिर भी पीढ़ी ज्यादा दिन तक नहीं बचि कि क्योंकि सूरज सौरमंडल के आकार से भी बड़ा हो गया था चांद भी मंगल ग्रह भी उसमें सूरज ने उसको भी मार डाला तो अब इंसानों का कोई नामोनिशान नहीं बचा
अब यह पूरे इतने बड़े ब्रह्मांड में बहुत कुछ नहीं बचा है बस ब्लैक होल के अलावा और कुछ नहीं बचा है बड़े-बड़े ब्लैक होल बच्चे हैं बस छोटे-छोटे एस्ट्रॉयड थे वह तो पहले ही बर्बाद हो गए और जो मीटर रोड घूमते थे ब्राह्मण में इधर-उधर उन्हें भी ब्लैक होल ने खींच कर अपने अंदर डाल लिया अब कुछ नहीं बचा है बस ब्लैक होल के अलावा ब्रह्मांड पूरा खाली है
फिर कुछ साल बाद ब्लैक होल कमजोर हाने लगा और वह दूसरे ब्लैक होल को खाने लगा अपने अंदर खींचने लगा फिर से वह सुपर ब्लैक होल बनने लगे सुपर ब्लैक होल बनने के साथ-साथ वह फिर अरबों खरबों साल फिर वह बूढ़े होने लगे बूढ़े होते होते वह खत्म हो गए ना अब इस पूरे इतने बड़े ब्रह्मांड में पृथ्वी है ना स्वरमंडल है ना आकाशगंगा है ना ब्लैक होल है कुछ नामोनिशान नहीं है यह ब्रह्मांड पूरा खाली पड़ा है
यह सब जब हो रहा होगा तब इस धरती पर कोई नहीं होगा ना एक छिपकली तो दूर की बात की थी नहीं रहेगी जमीन के अंदर वाले जीव भी नहीं बचेंगे यह सब नजारे को देखने के लिए सब खत्म हो चुका होगा
अब ब्रह्मांड पूरा एक काला है पूरा काला है उसमें कुछ नहीं है एक तारा क्या 1 मीटर रोड का एक छोटा सा टुकड़ा भी नहीं इस ब्रह्मांड में और यह ब्रह्मांड खाली रहेगा क्योंकि ब्रह्मांड ने कभी ना जन्म लिया ना कभी मरेगा ब्रह्मांड इसका जन्म हुआ ना यह मरेगा
मगर आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है आप अपनी जिंदगी अभी जिए क्योंकि यह अभी होगा नहीं और होगा कि नहीं होगा यह कोई नहीं बता सकता यह एक अनुमान था अभी आप अपनी जिंदगी मौज से जिए क्योंकि यह होगा भी तो अभी नहीं अरबों खरबों लाखों करोड़ों अरबों साल बाद होगा तब आप देखने के लिए रहेंगे कि नहीं पता नहीं अब आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है अपनी जिंदगी को जी
शायद ऐसे होगा ब्रह्मांड का अंत अनुमान है
w. t santanu kumae