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THE INTRO OF - KHAAR
ये कहानी है, कुछ चुनौतियों की। ये कहानी है एक ऐसी कल्पना की जो हमेशा सच के साथ-साथ चलती है, पर कभी सच का सामना नहीं करती।
ये कहानी है 'खार' की।

असम के हाजो गाँव के पास एक कस्बे में
एक अनाथ बच्चा रहता था। ये बच्चा
बड़ी परेशानी का जीवन काटता था। माँ बाप न होने की वजह से, पेट पालने के लिए अलग अलग जगहों पर काम करता, और रात मन्दिर की सीढ़ियों पर गुजारता। जब उसके माँ बाप गुजरे तब वो बहुत छोटा था। जिस वजह से उसे अपना असली नाम भी नहीं पता था। जीवन ने अब तक उसे सिर्फ आंसू दिये। सिर्फ खारे आंसू।
इसलिए उसने खुद को एक नाम दिया - 'खार' ।
ताकि ये नाम उसे हमेशा याद दिलाए, के उसे अपने जीवन के इन खारे अश्कों को खत्म कर कुछ अलग करना है। कुछ अनोखा।
अनोखे से याद आया, खार बचपन से ही दूसरे बच्चों से कुछ अलग था। बचपन से ही खार के पीठ पर एक निशान था। इसके अलावा और भी बहुत कुछ। खैर उसके बारे में बाद में जानेंगे।
खार जिस मंदिर की सीढ़ियों पर रात को सोता था, उस मंदिर के पुजारी कुछ हद तक उसकी देखभाल करते थे।
एक दिन पुजारी जी का देहांत हो गया। खार को इससे बहुत दुख हुआ।
जल्द ही मंदिर में नए पुजारी आ गए।
अब जब रात में खार मंदिर की सीढ़ियों पर सोने गया, तो नए पुजारी ने उसे वहां से भगा दिया।
अब खार के पास सोने की कोई जगह नहीं थी। खार उदास होके वहां से चला गया।
खार को जुगनू बहुत पसंद थे। पास ही में जंगल था जहां खूब सारे जुगनुओं को देखकर, खार अपने आप को नहीं रोक पाया।और उन्हें पकड़ते पकड़ते जंगल में चला गया।
अचानक खार ने वहां एक सांप को देखा।
खार बहुत डर गया और चिल्लाते हुए वहां से भागने लगा।
अचानक खार का पैर कुछ सूखे पत्तों पर पड़ा, और खार एक गड्ढे में जा गिरा।
खार उस गड्ढे में गिरकर बेहोश हो गया।
जब उसे होश आया तो उसने देखा, कि गड्ढे के एक ओर एक गुफा है।
खार ने सोचा, वो शायद वहां से बाहर जा सकता है। वो गुफा के अंदर चला गया।
जल्द ही वो गुफा खत्म हो गई, और खार जंगल की एक नई जगह पर पहुंच चुका था।
खार ने ये जगह पहले कभी भी नहीं देखी थी।
खार को पास ही में, एक लकड़ी का बना हुआ, पुराना सा घर दिखा।
उसे देख कर खार की जान में जान आई।
खार जल्दी से उस घर की ओर गया, और उसने मदत के लिए आवाज लगाई। पर उसे कोई जवाब नहीं मिला।
तब उसने घर के दरवाज़े पर थोड़ा जोर लगाया और दरवाज़ा खुल गया।
उसने सोचा मैं रात को यहीं रुक जाता हूँ,क्योंकि ये घर शायद खाली है। घर में बिजली नहीं थी, पर चांदनी रात की वजह से,खार को थोड़ा थोड़ा दिख रहा था। क्योंकि घर की खुली खिड़कियों से कुछ रोशनी अंदर आ रही थी।
उसे वहां घर में घुसते ही, बहुत गंदगी दिखी, जैसे सालों से उस घर पर कोई आया ही न हो।वहां उसे बड़ी ही अजीब सी चीज़े दिखीं।
उनमें से ही एक थी एक किताब, जिसपर अजीब से चिन्ह बने हुए थे। खार सीढ़ियों के ऊपर बने एक कमरे को देखता है, जिसके दरवाजे पर बड़ी ही खूबसूरत आकृति बनी होती है।
खार सीढ़ियों से ऊपर जाता है और उस कमरे को खोल कर उसे देखता है।
कमरा अंदर से भी काफी खूबसूरत होता है।
खार कमरे में जाता है, और अंधेरे के कारण अचानक उसका पैर कमरे में रखी मेज से टकरा जाता है। वो गिर जाता है और उसके हाथ से कमरे की दीवार पर लगी एक बड़ी तस्वीर गिर जाती है। तभी खार जो देखता है उसे उसपर यकीन नहीं होता।
तस्वीर के पीछे एक दरवाजा बना होता है जिसपर ठीक वही अजीब चिन्ह होते हैं, जो उसने नीचे किताब पर देखे थे।
खार अपनी उत्सुकता के कारण उसे खोलने का प्रयास करता है, पर वो उस दरवाजे को खोल नहीं पाता।
तो क्या है उस दरवाजे का राज़? क्या खार उसे खोल पाएगा?
और भी बहुत सारे सवाल....


© AK. Sharma