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बिल्कुल स्कूटी जैसी हो तुम
ज्यादा पुरानी बात नहीं है, सड़कों पर मर्दाना शरीर और बेमिसाल रुतबे का मालिक हुआ करता था - - - स्कूटर ।
स्कूटर चलाना, लड़कों का सिर्फ एक शौक नहीं बल्कि स्कूटर चलाने में महारत हासिल करना, एक लड़के को उन तमाम नवयुवकों की लंबी कतार से अलग खड़ा करके उन्हें वयस्क पुरुष का दर्जा दिलाया करता था ।

स्कूटर पुरुष प्रधान समाज का चेहरा हुआ करता था । स्कूटर पुरुषों में मेहनती और सुडौल शरीर का प्रतीक था । इस वक्त लड़कियां सिर्फ साइकिल तक ही सीमित रहा करती थी । किसी मोटर साइकिल या स्कूटर का उनसे दूर...