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सफलता का रहस्य
एक बार एक शिष्य को अपने कार्यो में सफलता नही मिल रही थी तो वह अपने गुरु के पास जाता है और उनसे पूछता है की सफलता का रहस्य क्या है ?

गुरूजी मुस्कुराते है और अपने शिष्य से कहते है की कल तुम मुझे सुबह समुन्द्र किनारे मिलना | में वही पर तुम्हे सफलता का रह्शय बताऊंगा |
दुसरे दिन सुबह गुरु और शिष्य समुन्द्र किनारे मिलते है |

गुरूजी शिष्य को पानी के अन्दर आने को कहते है | शिष्जय धीरे-धीरे पानी के अन्बदर आता है जब पानी शिष्य के गले तक आ जाता है तब गुरूजी शिष्य का सिर पकड़ के उसे पानी में डूबा देते है |
शिष्य पानी से बाहर निकलने की कोशिश करने लगता है , लेकिन गुरूजी ने उसे तब तक डुबोये रखा जब तक की वो अंतिम साँस तक न पहुच गया ,

फिर गुरूजी ने उसका सर पानी से बाहर निकाल दिया और बाहर निकलते ही जो चीज उस लड़के ने सबसे पहले की वो थी हाँफते-हाँफते तेजी से सांस लेना.

गुरूजी ने शिष्य से पूछा ,” जब तुम पानी के अन्दर थे तो तुम सबसे ज्यादा क्या चाहते थे?”
शिष्य ने उत्तर दिया:- मुझे सांस लेना था ”

गुरूजी ने कहा,” यही सफलता का रहस्य है, जब तुम सफलता को उतनी ही शिदत से चाहोगे जितना की तुम सांस लेना चाहते थे तो वो तुम्हे मिल जाएगी” इसके आलावा और कोई रहस्य नहीं है.
अब बताये की कहानी केसी लगी इस कहानी से ये शिक्षा मिली मुझे की अगर हमें किसी कार्य में सफलता चाहिए तो हमे भगवान का ध्यान करके पुरी लगन और मेहनत से उस काम को करना चाहिए |

पूरा ध्यान उसी काम पर होना चाहिए हमें सफलता जरुर मिलेगी |
जेसे हमें भूख लगती है तो हम केवल खाने के लिए सोचते है , ठण्ड लगती है तो चादर ओढने की सोचते है , प्यास लगती है तो केवल पानी पिने के लिए सोचते है

उसी प्रकार हमे सफल होने के लिए इधर-उधर की बातो से परे होकर अपने कार्य पर पूरा ध्यान देना चाहिए
आशा करती हु आपको कहानी अच्छी लगी होगी 🙏
धन्यवाद
© ❣️lekhni ki kalam ❣️