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प्रेम और उम्र 18-22 की!!!
प्रेम वह मधुर अहसास है जो जीवन में मिठास घोल देता है। कटुता दूर करने व वात्सल्य तथा भाईचारे के संचार में प्रेम की खास भूमिका है। मगर अफसोस! आज प्रेम का वह शाश्वत रूप नहीं रहा। प्रेम की नैसर्गिक अनुभूति आज आधुनिकता की चकाचौंध में कहीं खो गई है। वर्तमान में प्यार जैसे शब्द से सभी परिचित होंगे मगर सच्चे प्यार की परिभाषा क्या है, यह बहुत कम लोग जानते हैं।

वर्तमान में सिनेमाई प्रभाव के चलते नायक-नायिका के क्षणिक प्यार को ही प्रेम का विस्तृत रूप समझ लिया गया है और वैसा ही प्रदर्शन युवा पीढ़ी भी करने लगी है। वह क्षणिक आकर्षण व उसकी आड़ में भावनाओं के शोषण को ही प्यार मानकर स्वयं तो गुमराह हो ही रही है, साथ में प्यार को भी बदनाम कर रही है। यदि यह सवाल उठे कि आखिर सच्चा प्यार क्या है? तो जवाब में हजारों तर्क दिए जा सकते हैं, जो सभी अपनी जगह सही भी होंगे, मगर यदि इन तर्कों का सार निकाला जाए तो वह है 'प्रेम यानी संपूर्ण समर्पण भाव।'

विशुद्ध प्रेम वही है जो प्रतिदान में कुछ पाने की लालसा नहीं रखता। आत्मा की गहराई तक विद्यमान आसक्ति ही सच्चे प्यार का प्रमाण है। सच्चा प्यार न तो शारीरिक सुंदरता देखता है और न ही आर्थिक या शैक्षणिक पृष्ठभूमि।

वहीं आज की युवा पीढ़ी इस प्यार की तलाश करती है ,
सोशल मीडिया पर,,
कलरफुल हुई जिंदगी जो थी ब्लैक एंड वाइट।
बोले व्हाट्सप्प पर मॉर्निंग फेसबुक पे गुड नाईट।।

18की उम्र में खुद को,
युवा होने का अहसास दिलाया है,
किताबो के नाम पर लिए पैसों से,
उसने तीन महीने 3 GB का रिचार्ज करवाया है,,
आज न जाने कितनी लड़कियों को ,,
उसने खुद का सिंगल होना बताया है,,
सुबह बात पूजा से कर,,,
शाम को आरती को फोन मिलाया है,,,
इसी बीच फेसबुक पर ,
उसकी नई वाली gf का मैसेज आया है,,,
फिर उसने आरती से बेटरी लो का बहाना बनाया है,,,
करके दो पल बात उससे ,अपने मन को बहलाया है,,,
देखो आज का युवा कितनो के चक्कर में आया है,,
लेकर पैसे आज घर से, मां को किसी काम का बोल,
लाडले ने उस नई वाली का रिचार्ज भी करवाया है,,
कहने को तो कहेगा यू,मुझे इन लड़कियों ने फसाया है,,
पर लाडले सोशियल साइट से,इन्हें तू ही ढूंढ कर लाया है,,
मैं ना कहती ,सब लड़के लड़कियां होते एक जैसे,
मैंने तो अपनी कविता से इन्हें थोड़ा बहुत समझाया है,,
बांट लो खुशियां अपनों से, खरीद लो सारे सोख अपने ,
ज़िन्दगी में खुलकर जीने का मौका कहा बार बार आया है,,
क्यों इस खूबसूरत जवानी को व्यर्थ के कामों में लगाया है!!!!

सोशल मीडिया आज के दौर के यंगस्‍टर्स के लिए एक जरिया बन गया है अपना समय बिताने का. अब युवा खेलने, दौड़ने-भागने की बजाए, घर पर आराम से बैठकर चैट करना ज्‍यादा पसंद करते हैं. भले ही इसका खामियाजा उन्‍हें अपनी सेहत को दांव पर लगाकर क्‍यों न करना पड़े. शायद यही कारण है कि आज के युवा उतना एक्टिव नहीं हो पाते जितने के पहले के युवा हुआ करते थे


हिला दिया सोशल मीडिया ने इस तरह पूरा जीवन।
सुख पा रहा है यूजर , दुःख झेल रहे परिजन।।