प्रेम और उम्र 18-22 की!!!
प्रेम वह मधुर अहसास है जो जीवन में मिठास घोल देता है। कटुता दूर करने व वात्सल्य तथा भाईचारे के संचार में प्रेम की खास भूमिका है। मगर अफसोस! आज प्रेम का वह शाश्वत रूप नहीं रहा। प्रेम की नैसर्गिक अनुभूति आज आधुनिकता की चकाचौंध में कहीं खो गई है। वर्तमान में प्यार जैसे शब्द से सभी परिचित होंगे मगर सच्चे प्यार की परिभाषा क्या है, यह बहुत कम लोग जानते हैं।
वर्तमान में सिनेमाई प्रभाव के चलते नायक-नायिका के क्षणिक प्यार को ही प्रेम का विस्तृत रूप समझ लिया गया है और वैसा ही प्रदर्शन युवा पीढ़ी भी करने लगी है। वह क्षणिक आकर्षण व उसकी आड़ में भावनाओं के शोषण को ही प्यार मानकर स्वयं तो गुमराह हो ही रही है, साथ में प्यार...
वर्तमान में सिनेमाई प्रभाव के चलते नायक-नायिका के क्षणिक प्यार को ही प्रेम का विस्तृत रूप समझ लिया गया है और वैसा ही प्रदर्शन युवा पीढ़ी भी करने लगी है। वह क्षणिक आकर्षण व उसकी आड़ में भावनाओं के शोषण को ही प्यार मानकर स्वयं तो गुमराह हो ही रही है, साथ में प्यार...