सोच को बदले।
मेरे मन में हर रोज एक सवाल उठ खड़ा होता हैं।
हमारा समाज अपनी हर बात को मनवाने
के लिये तर्कसंगत दो राय रखता हैं।
जैसे एक पत्नी अपने पति की हर बात
माने और उसका हर काम करे ,
तो वह पतिव्रता!!
और यहीं काम यदि पति करें तो वह जोरू का गुलाम,,,,, ऐसा कयूं?
हम लोग आज भी अपनी रूड़ी वादी
सोच मे जकड़े हुये हैं।।।
क्या कोई पति अपनी पत्नी के काम में हाथ नहीं बटा सकता ? 🤔🤔🤔
हमारा समाज अपनी हर बात को मनवाने
के लिये तर्कसंगत दो राय रखता हैं।
जैसे एक पत्नी अपने पति की हर बात
माने और उसका हर काम करे ,
तो वह पतिव्रता!!
और यहीं काम यदि पति करें तो वह जोरू का गुलाम,,,,, ऐसा कयूं?
हम लोग आज भी अपनी रूड़ी वादी
सोच मे जकड़े हुये हैं।।।
क्या कोई पति अपनी पत्नी के काम में हाथ नहीं बटा सकता ? 🤔🤔🤔