...

31 views

uff ye kashmakash
जो अपने नहीं फिर भी
हक़ आजमाना पड़ता है।

यहां बेदिली से ही मगर
दिल लगाना पड़ता है।

कुसूर हमारा हो या उनका
जो जानकर अनजान बने

कभी अनजान होकर भी
जान बुलाना पड़ता है।

लगते है पर होते नहीं कुछ रिश्ते
उन्हें बस युही निभाना पड़ता है।

एक वक्त में कभी कोई अच्छा भी लगता है
वक़्त ऐसा भी आता है जब वही बुरा लगता है!

समझो तो हकीकत कम यहां मतलब ज्यादा है
किसी को इंसान में सिर्फ मौका नजर आता है !

औरों को खुश देखना भी खासियत होती है
पर पसंद की खासियत है, नापसंद हो जाती है!

मैं भी हैरान हूं उस शख्स के किरदार पे
नींद अपनी लेके गैरों के ख्वाब बुनते है वो!

आंखों देखा भी यकीन नहीं करता दिल मेरा
यहीं बुरी आदत है मुझमे साला जाता ही नहीं!

पढ़कर ना समझना की तुमने मुझे समझ लिया
जो साथ रहते है उसे भी मैं गुमराह लगता हूँ!
😌😌😌😌










© Danish ppt