...

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कितना मुश्किल है इज़हार...
कभी कभी ख्याल आता है कि तुम्हारे साथ एकांत में बैठकर खूबसूरत शामें बिताना विडियो कालिंग पर रात में तारे देखना
कभी तुमको ताकना कभी तुम्हारा मुझे देखना और ढेर सारी बातें करना
तुम्हारे सीने पर सर रख के तुम्हारी धड़कनों को महसूस करना और
फिर वहीं दूसरे पल तुम्हारे कांधे पे सिर रख के सुकून महसूस करना.....
एक तुम ही तो हो मेरे प्रेम की परिभाषा
जिसे मैंने उन्मुक्त रखा है..
यह सब कुछ खूबसूरत इसलिए नहीं होता है क्योंकि खूबसूरत है बल्कि इसलिए होता है कि तुम मेरे साथ होते हो तुम्हारा होना तुम्हारी मौजूदगी का एहसास यही तो है प्रेम है मेरे लिए..

'कभी-कभी तुम्हारा ना होना भी बन जाता है प्रेम पता है उन क्षणों में मैं खुद से तुम्हारी बातें किया करती हूँ..
बेजुबानों का आपकी गोद में सिर रख देना, आपको जाते हुए देखकर उनकी आँखें अमर हो जाना भी तो है प्रेम.. किसी को तकलीफ में देखकर उसकी पीड़ा को महसूस करना.. किसी का ख्याल रखना.. किसी को महफूज रखना.. किसी के लिए लड़ जाना भी तो है प्रेम..

कितना मुश्किल है इज़हार...

प्रेम को शब्दों में व्यक्त करना मुश्किल है
सुखमय है इसे महसूस करना


Happy prapose day my sunshine
I am always loving you
© काल्पनिक लड़की