स्वाधीनता
एक बार जब आप खुद से मिल लेते हैं , खुद को जान लेते है, परख लेते हैं, पहचान लेते हैं , तब आप खुद में ही साधारण से बहुत असाधारण इंसान हो जाते हैं, तब फिर आपको सिर्फ आप और आपका एकांत अच्छा लगता है, पर ऐसा नहीं है की लोग बुरे लगते हैं, आपको लोगों से फर्क ही नहीं पड़ता, पड़ता भी हैं गर तो आपकी अच्छाइयों से, बुरी बातों या बुराइयों पर अपनी आपको महज हंसी आती है
आप खुद को जीते...
आप खुद को जीते...