...

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लेखक का इश्क - तुम आना जरुर
लेखक इश्क में पढ़कर इश्क को पढ़ता है
और आशिक इश्क में पड़कर खुदको खोता हैं

इसलिए जो आनंद एक लेखक ले सकता है इश्क का वो कोई और सरलता से नही ले सकता

बाकि संजीदगी अपनी अपनी है कितनी समझ और परवाह है अपने जज्बात की वो परिभाषित करती है
इश्क को

ज्यादातर इश्क में कौन पड़ता है जिसे या तो इश्क समझना हो या समझाना...