मैं किसान हूं!
मै किसान हू।
स्वच्छ और सुंदर हवा, सुरज की चमचमती धूप नदी का बहता पाणी और साथ मे धरती मां की हरियाली, पेडो के नये चमचमाते पत्ते, पंछीयो की चहचहाट , हवा का वह सुकून, अपने लोग, इन्सानियत इसके बीच रहकर अपना जीवन व्यतीत करना मतलब स्वर्गसुख पाने जैसा होता है।
इस प्रकृती के साथ घुलमिल जाने का मतलब अपने मा के गोद मे सुख भरी नींद सोना होता है।
बारिश में वह मिट्टी की खुशबू लाखो इत्र को भी पीछे छोड देती है, मिट्टी से दोस्ती की तो हजार बिमारीयो से छुटकारा बडे़आसानी से मिल जाता है। मिट्टी के साथ खेलना, मिट्टी से घडे बनाना, मिट्टी के घर मे रहना, मिठी के चुल्हे पर खाना पकाना, मिट्टी से बिलगकर सोना, इसका मतलब पुरा जीवन स्वर्गसुख पाना होता है। प्रकृती के बीच जीवन कब कट जाये पता भी नही चलता।
नन्ही सी तितली बस छह दिन के लिये जीती है, लेकिन प्रकृती के साथ दोस्ती करती है और अपना जीवन पूरे मजे के साथ जीती है। उसे भी कई बार कई कठीनाईया आती है , लेकिन वह कभी जीना नही छोडती।
रंगबेरंगी फुलों का खिलना सारी अप्सराओं को भी पीछे छोड देता है, और उनकी वह खुशबू लाखो इत्र को भी पीछे छोड देती है। आम की डालिया हजार पंछीयों को रहने के लिए घर देती है।
सुबह से शाम बस स्वच्छंद हवा, स्वच्छ पाणी,सुख भरी नींद, और जीवन मे सुखी रहना हर किसी को चाहिये होता है। प्रकृती के बीच स्वर्ग की अनुभूती होती है। माँ की ममता होती है, पिता की फिकर होती है, प्रकृती के पास प्यार होता है, उसका आचल होता है, प्रकृती से हमे सपने मिलते है, और नई सिख मिलती। मुझे भी ऐसी ही सिख मिली।
मेरी जिंदगी भी प्रकृती के बीच रहकर कट रही थी। प्रकृतीने मुझे जीवनभर का सुख दे दिया था। नया सबक दिया था। सुबह से शाम तक की दिनचर्या मानो हमारा जीवन ही बन गई थी। जब मे दो साल की बच्ची थी सबसे मेरा रिश्ता मिट्टी से जुडा हुआ था। जब...
स्वच्छ और सुंदर हवा, सुरज की चमचमती धूप नदी का बहता पाणी और साथ मे धरती मां की हरियाली, पेडो के नये चमचमाते पत्ते, पंछीयो की चहचहाट , हवा का वह सुकून, अपने लोग, इन्सानियत इसके बीच रहकर अपना जीवन व्यतीत करना मतलब स्वर्गसुख पाने जैसा होता है।
इस प्रकृती के साथ घुलमिल जाने का मतलब अपने मा के गोद मे सुख भरी नींद सोना होता है।
बारिश में वह मिट्टी की खुशबू लाखो इत्र को भी पीछे छोड देती है, मिट्टी से दोस्ती की तो हजार बिमारीयो से छुटकारा बडे़आसानी से मिल जाता है। मिट्टी के साथ खेलना, मिट्टी से घडे बनाना, मिट्टी के घर मे रहना, मिठी के चुल्हे पर खाना पकाना, मिट्टी से बिलगकर सोना, इसका मतलब पुरा जीवन स्वर्गसुख पाना होता है। प्रकृती के बीच जीवन कब कट जाये पता भी नही चलता।
नन्ही सी तितली बस छह दिन के लिये जीती है, लेकिन प्रकृती के साथ दोस्ती करती है और अपना जीवन पूरे मजे के साथ जीती है। उसे भी कई बार कई कठीनाईया आती है , लेकिन वह कभी जीना नही छोडती।
रंगबेरंगी फुलों का खिलना सारी अप्सराओं को भी पीछे छोड देता है, और उनकी वह खुशबू लाखो इत्र को भी पीछे छोड देती है। आम की डालिया हजार पंछीयों को रहने के लिए घर देती है।
सुबह से शाम बस स्वच्छंद हवा, स्वच्छ पाणी,सुख भरी नींद, और जीवन मे सुखी रहना हर किसी को चाहिये होता है। प्रकृती के बीच स्वर्ग की अनुभूती होती है। माँ की ममता होती है, पिता की फिकर होती है, प्रकृती के पास प्यार होता है, उसका आचल होता है, प्रकृती से हमे सपने मिलते है, और नई सिख मिलती। मुझे भी ऐसी ही सिख मिली।
मेरी जिंदगी भी प्रकृती के बीच रहकर कट रही थी। प्रकृतीने मुझे जीवनभर का सुख दे दिया था। नया सबक दिया था। सुबह से शाम तक की दिनचर्या मानो हमारा जीवन ही बन गई थी। जब मे दो साल की बच्ची थी सबसे मेरा रिश्ता मिट्टी से जुडा हुआ था। जब...