आशा
एक परिवार में एक पति पत्नी और उनकी एक बेटी थी।
माता-पिता के बीच रोज़ झगड़ा होता था।
वे दोनों छोटी छोटी बातों को लेकर हर वक्त
झगड़ते थे।
उनकी लड़की का नाम था आशा।
धीर धीरे वह बड़ी होती गई और अकेलापन
महसूस करने लगी।हर वक्त गुम शुम रहने
लगी।
दोस्तों के संग खेलना बंद कर दी। पढ़ाई में मन
नहीं रहता था। सोचने लगी क्या करें, कैसे
माता-पिता के बीच का झगड़ा खत्म करें।
कोई किनारा नहीं मिल रहा था।
एक दिन शाम को माता-पिता नहीं थे।
लाइट नहीं था तो उसने चार मोमबत्ती जला
दिया। वहीं...
माता-पिता के बीच रोज़ झगड़ा होता था।
वे दोनों छोटी छोटी बातों को लेकर हर वक्त
झगड़ते थे।
उनकी लड़की का नाम था आशा।
धीर धीरे वह बड़ी होती गई और अकेलापन
महसूस करने लगी।हर वक्त गुम शुम रहने
लगी।
दोस्तों के संग खेलना बंद कर दी। पढ़ाई में मन
नहीं रहता था। सोचने लगी क्या करें, कैसे
माता-पिता के बीच का झगड़ा खत्म करें।
कोई किनारा नहीं मिल रहा था।
एक दिन शाम को माता-पिता नहीं थे।
लाइट नहीं था तो उसने चार मोमबत्ती जला
दिया। वहीं...