बिगुल
माँ, असीमित शक्तियों का भंडार होती हैं, जिनके स्मरण मात्र से ही कष्ट दूर हो जाते
हैं l अगर वो यशोदा है, कौशल्या है तो वहीं भद्रकाली और चंडी का भी स्वरूप हैं l ऐसी ही कुछ हमारी माँएं होती हैं, मेरी माँ कुछ ज़्यादा ही रानी लक्ष्मी बाई के गुणों से भरी हुईं थीं, कभी कहीं कुछ भी ग़लत, असहनीय था उनके लिए l
विकसित क्षेत्र में रहते हुए भी अक्सर हमें बिजली और पानी के संकट से गुज़रना पड़ रहा था, चुनाव आते और चले जाते, क्षेत्रीय विधायक आते, वोट की मनुहार करते और चले जाते l
ऐसे ही समय बीत रहा था, वो महीना मार्च का था, बच्चों की वार्षिक परीक्षाओं का समय l सभी परेशान थे!
कई दिन से बिजली और पानी नहीं आ रहा...