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प्यार के बीच वक़्त और तुम्हारे साथ वो लम्हे,
मेरी खुशी इतनी थी जब तुमसे मिला मैं वक़्त का वो हसीन दिन था जब तुमसे मैंने हँसकर बात की थी तुम भी खुश थी मुझे पाकर मैं भी खुश था तुम्हे पाकर क्योंकि हम दोनों का प्यार लंबे समय से चल रहा था तुम एक बहाना कर के घर से आई थी मुझसे मिलने और मैं छुट्टी लेकर आया था तुमसे बात करने मेरी ज़िंदगी वो पल की ख्वाइश थी जब तुमसे पूरे पन्नो की किताब दिखाई थी क्योंकि तुम उस वक़्त मेरे लिए काफी ज़्यादा कुछ सोच लिया था

मुझे याद है जब हम पहली दफा मिले थे तुमसे
हम दोनों एक दूसरे के लिए अंजान थे हम और उस दिन भी जब मिले तब इतना अच्छे मिले जैसे हम एक दूसरे को काफी पुराने वक़्त से जानते हों,

मेरा दिन भी तुम्हारे साथ अच्छा हो गया था क्योंकि वो वक़्त हम दोनों का था और मेरी जिंदगी अच्छी हो गयी थी क्योंकि तुम मेरे साथ थी, वो दिन के बिताए लम्हे हम दोनों साथ-साथ थे एक दूसरे के और खुशी इस बात की थी कोई नाराज़गी नही थी हम दोनों में जैसे पहले होती थी हम दोनों क्योंकि हम दोनों को एक दूसरे के लिए कोई वक़्त नही था एक दूसरे को देने के लिए तुम कॉलेज में व्यस्त थी तुम और अपनी duty निभा रही थी मैं भी अपने दफ्तर में व्यस्त था मरीज़ों दवा देने में क्योंकि उनकी सेवा मेरा हक़ सा था,
मगर आज फुर्सत मिली तो हम दोनों साथ-साथ एक दूसरे को वक़्त दे रहे थे और इस बात की हमे खुशी थी की ये वक़्त हम दोनों एक दूसरे के लिए निकाले है दिन पूरा एक दूसरे के ऊपर दिए और रात में तुम अपनी जगह हम अपनी जगह क्योंकि हमें जाना था कल से एक दूसरे के लिए काम पर,
क्योंकि अगर किसी काम मे हम दोनों व्यस्त होंगे तभी एक दूसरे को याद नही करेंगे न आसूं होंगे एक दूसरे के लिए, इतना याद है जब मैं नौकरी पाया था तब तुम खुश थी और आज तुम नौकरी पा गयी तो मैं खुश हूँ,

धन्यवाद
DRx Pradumna Pandey