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मेंहदी
पिया का आज सबसे बड़ा दिन था , उसकी जिंदगी का सबसे बड़ा दिन । आज पिया किसी की दुल्हन बनने जा रही थी , आज उसकी शादी होने जा रही थी। पिया अपनी आंखों में एक नए सपने संजोए अपने कमरे में बैठी थी । छुटकी (प्रिंसी) उसे दरवाजे से ही चिल्लाए जा रही थी , पिया दीदी पिया दीदी मेंहदी रसम के लिए नीचे बुलाया है आपको , पिया मेंहदी का नाम सुनते ही उस सपने से बाहर आ गई , उसने छुटकी से कहा - हा आई छुटकी इतना कहते ही अपने कमरे से बाहर निकल कर नीचे हाल में चली जाती है , वहां मेंहदी सेरेमनी की तैयारी जोरों शोरों से चल रही थी ।

पिया जो की अब नीचे हाल में आ चुकी थी मेंहदी देख कर फिर पुरानी यादों में खो जाती है , और उस दिन को याद करती है जब मां ने पहली बार उसके हाथों में मेंहदी लगाया था , और उसके आंखों से आंसू छलक आते है । उसकी मां वहीं खड़ी होती है और पिया के पास जाती है और कहती है क्या हुआ बेटा ऐसे रो क्यू रही हो , आज तो तुम्हारा सपना पूरा होने जा रहा है । तुम्हे याद है जब तुम्हारे जिया दीदी की शादी हुई थी तब तुमने क्या कहा था , की जब मेरी शादी होगी ना मां तो मैं ढेर सारा मेंहदी लगाऊंगी । पिया हल्की सी मुस्कान के साथ.... मां ! मुझे सब याद है ये भी की मुझे मेंहदी कितनी पसंद थी बचपन में और आज भी , मां - चल अब बस कर अब मेंहदी लगवा ले देर हो रही है शाम को बारात आने वाली है ढेर सारी तैयारियां करनी है इतना कहने के बाद उसकी मां काम में लग जाती है ।

पिया अपने हाथों में मेंहदी लगवाने लगती है और मेंहदी को देखकर खुश हो जाती है और फिर यादों में खो जाती है । पिया को मेंहदी बचपन से ही बहुत पसंद था उसे तो मेंहदी मैजिकल लगती थी क्योंकि मेंहदी जितना लगाने के बाद अच्छी दिखती है उससे कही ज्यादा खूबसूरत मेंहदी का रंग चढ़ने पर दिखता है मेंहदी की यही खूबी उसे बड़ा भाती थी ।

ऐसे ही समय बीतता जाता है और पिया की दोनों हाथों में मेंहदी लग चुकी होती है और अब उसे शादी के लिए तैयार भी होना रहता है तो उसे तैयार करने के लिए ले जाया जाता है । देखते ही देखते समय बीत जाता है और बारात घर के बाहर आ चुकी होती है घर के सभी लोग बारात के स्वागत की तैयारी करने लगते है ।

पिया अपने दोनों हाथों को देखकर खुश होती है , कुछ देर बाद शादी की रस्में शुरू हो जाती है दुल्हन को मंडप में ले जाया जाता है , फिर शादी सारी रश्मों के साथ पूर्ण हो जाती है।

शादी बड़े ही धूम धाम से संपन्न हुई , और मेंहदी अपना कमाल दिखा ही गई पिया के हाथों को रचा ही गई ।

बरसो बीत गए लेकिन पिया को आज भी वो मेंहदी वाले दिन याद है और जब ये याद करती है उसका चेहरा खिलखिला उठता है ....।


-tj dhruw