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"एक तरफा प्यार"
हैलो दोस्तो! आपने मेरी इससे पहले वाली स्टोरी "पहले प्यार का एहसास" पडी होगी, और आपको उसमें एक छुपी हुई कहानी नज़र आयी है! तो "एक तरफा प्यार" उसी कहानी को दर्शाती है, ये एक सच्ची love स्टोरी है!
सबसे पहले मेरा नाम "कृष्णा कटारा" है!
इस स्टोरी के सभी character रियल है! और मैं आशा करता हू कि आपको मेरी कहानी पसंद आएगी!....

"प्यार की पहली धड़कन"

मेरे प्यार की शुरुआत होती है जब मैं क्लास 7 में था, September का महीना था आज मैं बहुत दिनों बाद सबसे पहले स्कूल आया था!
क्युकी काफी दिनों से मैं बिमार था, तो हमेशा की तरह मैंने अपना बैग क्लास में रखा और स्कूल के गलियारे में आकर अपने दोस्तों का इंतजार करने लगा! थोड़ी देर बाद अचानक मुझे धक्का लगा, मैंने मूड कर देखा वो एक खूबसूरत सी लड़की थी! इसके पहले मैं कुछ समझ पाता वो मुझे sorry so sorry बोल कर चली गयी! फिर मैंने अपने आस-पास देखा वहां मेरे अलावा कोई और नहीं था! लेकिन पता नहीं क्यों मेरा दिल बहुत तेज धड़क रहा था!..

"प्यार की दूसरी धड़कन"

अब तक मैं अपनी दिल की तेज धड़कन नहीं भूल पाया था, और हम लोग क्लास 7 से क्लास 8 में पहुंच गए! सभी कि तरह मैं भी अपनी नयी क्लास में आकर बहुत खुश था! स्कूल कि जिंदगी फिर से पहले की तरह चलने लगी, कि फिर एक दिन अचानक मेरी क्लास में मुझे बुलाने एक लड़की आयी बोली- नेहा मैडम बुला रहीं हैं! मेरा दिल मानो बेकाबू हो गया, दिल की धड़कनें एक बार फिर तेज हो गयी क्युकी वो लड़की कोई और नहीं वहीं थी जिसको देख कर मेरा दिल पहली बार धड़का था! अब मेरी धड़कनें और तेज हो गयी जब मैं उसके साथ गया!...

"दिल की बात किसको बताऊँ"

मैं कुछ समझ नहीं पा रहा था कि मेरे साथ क्या हो रहा है, क्यों हो रहा है, क्या मैं करूँ, क्या ना करूँ? फिर तब तक गर्मियों की छुट्टियां हो गयी! लेकिन दिल को कोन समझाये बहुत बेचैनी होने लगी, खाने- पीने का मन नहीं करता था, आंख बंद करते ही बस उसका हसीन चेहरा सामने आजाता था! पड़ाई-लिखाई खराब हो रहीं थीं क्युकी हर वक़्त उसके ही खयालों में खोया रहता था! तब मैंने अपने एक दोस्त जिसका नाम हर्ष सिंह था, उसको अपनी पूरी बात बताई! फिर उसने मुझे समझाया कि मुझे प्यार हो गया है! उसके बाद तो बस स्कूल वापस खुलने का इंतजार करने लगा!...

"स्कूल जाना अच्छा लगने लगा"

अब स्कूल वापस चालू हो गए मैं रोज खुशी- खुशी स्कूल जाने लगा! हर दिन उसको चुपके- चुपके से देखा करता था, उस लड़की को देख कर मेरे दिल को बड़ा आराम मिलता था! हमेशा किसी ना किसी बहाने उसके नजदीक जाया करता लेकिन धड़कनें बड़ने के कारण कुछ बोले बगैर वापस लौट आता! बस रोज उसको हस्ते हुए देख कर मैं भी हस्ता था, उसकी नादानी- शरारतें मुझे बहुत अच्छी लगने लगी थी! अब तक मेरे ज़्यादा तर सभी दोस्तों को पता चल गया कि मैं उससे प्यार करता हूँ, लेकिन किसी को भी उसका नाम नहीं पता था!

"जब पहली बार नाम पता चला"

अब हम 9th क्लास में पहुंच गये, नए दोस्त मिले पर किसी कि दोस्ती में वो प्यार नहीं था जो मुझे पसंद था क्युकी मुझे तो बस उस लड़की से दोस्ती करनी थी! लेकिन मैं बड़ा डरपोक था, हमेशा पाने से पहले खोने से डरता था और बड़ी बात तो ये थी कि मैं उसका नाम भी नहीं जानता था! तब दोस्तो की मदद से और Half yearly exams में एक साथ बैठने से मुझे पता चला कि उस लड़की का नाम "प्रांजल सिंह" है!
फिर तो मैं जैसे सपने देखने लगा क्युकी मेरे सारे दोस्त उसके नाम से चिढ़ाने लगे थे, उस दौरान एक बार मैं स्कूल के पानी वाले टेब से पानी भर रहा था कि प्रांजल भी वहां पानी भरने आयी! मेरे तो होश ही उड़ गये, क्युकी मेरा दिल इतना तेज धड़क रहा था मानो बाहर ना जाए! मेरी हिम्मत ने जवाब दे दिया और मैं कुछ बोले बगैर वहा से चला गया!...

"प्यार का मोड़ या दोस्त का धोका"

कई बार अकेले के हिसाब से मुलाकात होती थी लेकिन प्यार का इजहार करने की कभी हिम्मत नहीं जुटा पाया! अब हम 10th क्लास में थे और मैंने सोच लिया था कि कुछ भी हो जाये साल के आखिर में प्रांजल से सब कुछ बोल दूँगा! लेकिन मैं इस बात से अनजान था कि कोई और भी उसको पाना चाहता है जी हां मैं बात कर रहा हूँ अपने प्यार के मोड़ की!...
तो हुआ यैसा कि उन दिनों December का महीना था, इसलिए स्कूल में सभी Annual Function में व्यस्त थे! और मेरे पास ये सबसे अच्छा समय था कि अपने दिल की बात प्रांजल को बता सकूँ! इसलिए अपने एक दोस्त जिसका नाम मयंक राजपूत था उससे बोला मुझे प्रांजल से बात करनी है, सोचा शायद मदद करेगा लेकिन उसने मना कर दिया! फिर हिम्मत जुटा करके सोचा खुद कोशिश करता हूँ, तब वो हुआ जिसकी मुझे कोई उम्मीद नहीं थी! मैं प्रांजल से बात करने जा रहा था, गलियारे से होकर सीडीओ पर पहुचा कि मैंने देखा मेरे उसी दोस्त मयंक का भाई प्रांजल से अपने प्यार का इजहार कर रहा था! दिल के टुकड़े तब हुए जब पता चला कि मेरे दोस्त ने ही अपने भाई की बात प्रांजल से करवाई!...

"इंतजार करूँ कि नहीं"

अब शायद मेरी लाइफ में कुछ बचा नहीं था, सिवाय प्यार कि यादों के करता भी क्या अब कैसे उसको बोलता, और बोलता भी क्या?
सोचा भूल जाऊँगा लेकिन हर कोशिश नाकाम हो जाती थी! हमेशा उसको एक मर्तबा अपनी बात बताने का जी चाहता था, उससे बात करने और उसके साथ रहने का मन करता था! जब कभी अकेला होता तो उसको याद करके रोने लगता था! अब तो जिंदगी जीना कठिन सा लगने लगा था लेकिन जीना तो होगा ही....
फिर हज़ारों कोशिशों से मैं अपनी साधारण लाइफ जीने लगा, और 12th के exams क्लीन करने के बाद स्कूल से दूर चला गया! एकदम से उसको भूल तो नहीं पाऊँगा लेकिन केवल यही अफसोस रहेगा कि अपने प्यार का इजहार ना कर सका!...

"एक बार दिल की बात बता सकता"

अब मेरी जिंदगी नए तरीकों से, नए दोस्तो के साथ, तेजी से भविष्य कि और बढ़ रहीं थीं! दिल मे किसी की भी चाह नहीं थी, सिवाय प्रांजल को अपने प्यार से रुबरु कराने की! दिल मे हमेशा जिज्ञासा जगती थी कि कम से कम एक बार तो उसको अपने सच्चे प्यार का हाल उसको बता सकता! और शायद मेरे खुदा को भी ये मंजूर था! आज 7 जनवरी 2021 का दिन था, जब मुझे उसकी एक सहेली Isha से Facebook पर मुलाकात हुई! बातों ही बातों में प्रांजल का हाल पूछा तो बोली तुम खुद पूछ लो, और प्रांजल कि Instagram I'd बताई!
दो दिन बाद 9 जनवरी को प्रांजल से बात करने का मोका मिला! तब तक मेरी स्टोरी भी लिख गयी थी, इसलिए सबसे पहले कहानी send कर दी! मुझे तो मालूम था ही कि जिसको पाना चाहता हूँ वो किसी और का हो चुका है, लेकिन बात थी दिल के हालातों को एक मर्तबा बताने की! इसलिए पीछे नहीं हटा, अंत मे उसका reply आया! दिलो की जो बातें हुई उनको शब्दों मे बयां नहीं कर सकता! मेरे प्यार की कहानी उसके लाइफ की सबसे अच्छी कहानी लगी, इसलिए उसका प्यार मुझे दोस्ती के रूप मे मिला! आज वो मेरी सबसे अच्छी दोस्त है!....
मैं उससे प्यार आज भी करता हूँ, लेकिन कहता नहीं क्युकी ये "एक तरफा प्यार" है!........
HAPPY END
By:- KK writer