अच्छे दिन आ गये
आज का दिन कुछ अजीब था।
सुबह लगभग 10बजे का समय था।मैं सड़क किनारे खड़ा था। बहुत लोग बाजार की तरफ भागते दिखाई पड़े।ऐसा रोज नहीं दिखता था।मुझे थोड़ी जिज्ञासा हुई।मैं कुछ देर असमंजस में रहा किंतु स्वभाववश मैं खा़मोश नहीं रह सका। मैंने एक आदमी को रोककर पूछा भाई,आज क्या बात है?इतने सारे लोग आपाधापी में क्यों लग रहे हैं?उस व्यक्ति ने निर्लिप्त भाव से...
सुबह लगभग 10बजे का समय था।मैं सड़क किनारे खड़ा था। बहुत लोग बाजार की तरफ भागते दिखाई पड़े।ऐसा रोज नहीं दिखता था।मुझे थोड़ी जिज्ञासा हुई।मैं कुछ देर असमंजस में रहा किंतु स्वभाववश मैं खा़मोश नहीं रह सका। मैंने एक आदमी को रोककर पूछा भाई,आज क्या बात है?इतने सारे लोग आपाधापी में क्यों लग रहे हैं?उस व्यक्ति ने निर्लिप्त भाव से...