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नाइनटीज का प्यार

नाइनटीज का प्यार ,
जैसे फाइल रार,
कितना छुपा रहता है?
क्या बताऊँ यार?
बच्चा पैदा होता है तो देखने से कतराते हैं,
वो पापा हैं जिन्हें खुशी सबसे ज्यादा,
लेकिन सबसे कम मुस्कराते हैं,
सामाजिक रीतरिवाजों के बुने हुए जाल में उलझे,
चाह करके भी गले नहीं लगाते हैं,
वो पापा हैं जिन्हें प्यार सबसे ज्यादा,
बस ऐसे ही अपना प्यार जताते हैं,
दादी ने आँख दिखाकर चार कायदे क्या बता दिए?
वो उसी में फंसे रहकर,
उसी में जश्न मना लेते हैं,
नाइनटीज का प्यार,
जैसे फाइल रार,
कितना छुपा रहता है?
क्या बताऊँ यार?
मांगे मेरी होती ही क्या हैं?
मम्मी से जिक्र भी कर लें,
तो मांगें रहती ही कहां हैं?
वो पापा हैं जो कुछ पूछते तक नहीं,
फ़िर भी सब पता रखते हैं क्या चाहिए मुझे?
सरप्राइज दे देते हैं, जिक्र किसी से करते तक नहीं,
चाहे बेटा कहकर बुलाया ना हो कभी,
पर वो पापा हैं प्यार करते सबसे ज्यादा,
साथ खड़े रहते हैं जरूरत पर,
करते नहीं सिर्फ वादा,
नाइनटीज का प्यार,
जैसे फाइल रार,
कितना छुपा रहता है?
क्या बताऊँ यार?
माना ये प्यार है अनोखा,
पर मिलता नहीं है कभी धोखा,
एहसास होता नहीं साथ रहने पर इसका,
दूर होने पर जब मिलता नहीं इस प्यार का झोंका,
जब तुम्हें भी जिंदगी की मिल जाती है नौका,
कदम रख देते हैं हम उनके सफर में जब,
एहसास होता है उनके प्यार का तब,
इतनी जिंदगी बीत गई उनके साथ कब?
पता होता ये उस समय जब,
हम ही गले लगा लेते तब,
नाइनटीज का प्यार,
जैसे फाइल रार,
कितना छुपा रहता है?
क्या बताऊँ यार?
माना आज हैं उनके सफर में हम,
अब जिंदगी भाग रही है,
तो नहीं सकते थम,
दूरियाँ बना ली हो कितनी भी?
पर उनका प्यार नहीं होता कम,
वो पापा हैं जिनके सफर को याद करके,
आंखें आज भी हो जाती हैं नम,
प्यार कैसा भी हो?
नहीं होगा कम,
नाइनटीज का प्यार,
जैसे फाइल रार,
कितना छुपा रहता है?
क्या बताऊँ यार?

© अभि "एक रहस्य"