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मौत का बदला
दोस्तों यह कहानी बहुत पुरानी है सरिता अपने पति के साथ खुशी से रह रही थी सरिता के पति का नाम जगदीश था लेकिन जगदीश सरिता के अतीत के बारे में कुछ नहीं जानता था, दरअसल शादी से पहले सरिता दीपक से प्यार करती थी लेकिन सरिता के घरवालों ने जबरदस्ती जगदीश से शादी करवा दी यह बात दीपक को अंदर ही अंदर खाती रही।

अब होता यह है कि दीपक अभी भी सरिता को पाने के लिए कुछ भी कर सकता था। 1 दिन की बात है सरिता अपने पति जगदीश के साथ शादी के समारोह में जा रही थी तभी बीच रास्ते में जगदीश की मोटरसाइकिल खराब हो जाती है तो वह मोटरसाइकिल को साइड में लगा कर पेड़ के नीचे सरिता के साथ बैठ जाता है, इतने में दीपक का दोस्त सरिता को जगदीश के साथ बैठा हुआ देखकर तुरंत भागता हुआ दीपक के पास जाता है और उसको बताता है कि यह दोनों पास वाली जगह पर पेड़ के नीचे बैठे हुए हैं यही मौका है तुम जाओ और इन दोनों को ठिकाने लगा दो।

फिर क्या था दीपक का दिमाग सनक जाता है वह अपने कुछ दोस्तों को लेकर के उस पेड़ के पास जाता है और सरिता का हांथ पकड़कर उसे खींचने लग जाता है लेकिन जगदीश को यह सब कुछ ठीक नहीं लगता है इस बीच जगदीश और दीपक के बीच में हाथापाई हो जाती है इसमें वह जगदीश को मार देता है और इतना मारता है कि वह वहीं पर मर जाता है। अपने पति जगदीश को मरता हुआ देखकर सरिता यह बर्दाश्त नहीं कर पाती है और वह अपने आप को खुद ही मार लेती है इस तरह से दोनों वहीं पर मर जाते हैं अब दीपक डर के मारे उन दोनों की लाशों को उसी पेड़ के पास गड्ढा खोदकर गाड देता है।

जब जगदीश के माता-पिता को सरिता और जगदीश के ना आने की खबर पता चलती है तो वह तुरंत पुलिस स्टेशन में जाते हैं और रिपोर्ट लिखवाने लग जाते हैं। पुलिस भी अपनी कार्यवाही में आनाकानी दिखा रही थी पुलिस ने यह कह दिया कि दोनों नवविवाहित जोड़ा कहीं घूमने चले गए होंगे कुछ दिन आप इंतजार करें वे दोनों जरूर लौटकर आएंगे हम अपनी तरफ से पूरी कार्यवाही करेंगे यह कहकर मामला को टाल देते हैं।

लेकिन बहुत दिनों तक यह दोनों लौट कर नहीं आते हैं तभी एक रात जगदीश की मां को एक सपना आता है और उस सपने में जगदीश अपनी मां से कहता है कि हम दोनों के साथ बहुत गलत हुआ है हम दोनों की लाश पास के जंगल में गाड़ दी गई है जगदीश इतना ही कह पाता है कि जगदीश की मां की आंख खुल जाती है और चिल्लाती हुई उठ कर बैठ जाती है इतने में घर के सभी सदस्य मां के पास आ जाते हैं और उनसे पूछते हैं कि इतनी सुबह आपको क्या हो गया है जो आप इतनी तेज चिल्ला रही थीं।

जगदीश की मां बताती है कि मेरे सपने में जगदीश आया था और मुझसे कह रहा था कि हम दोनों की लाश पास के जंगल में एक पेड़ के नीचे गाड़ दी गई है हम दोनों को उस गड्ढे में से बाहर निकालें। घर के सभी सदस्य मां के इस बात को ज्यादा गहराई में नहीं लेते हैं वे लोग यह सोचते हैं कि शायद मां को कोई भ्रम हुआ है या इन्होंने कोई सपना देखा है इसलिए ऐसा हुआ है लेकिन जगदीश की मां को पूरा विश्वास था उन्होंने सभी लोगों को तुरंत उस जगह पर जाने के लिए बोला जब सभी लोग पास के जंगल में उस जगह पर पहुंचते हैं और उस जगह की खुदाई की जाती है तो उसने से दो कंकाल निकलते हैं दोनों लाशें अब कंकाल में बदल चुकी थीं लेकिन सरिता के कंकाल पर कुछ कपड़े बचे हुए थे उन कपड़ों की शिनाख्त करने के बाद पता चला कि यह कपड़े सरिता के हैं इतनी देर में वहां पुलिस भी आ जाती है और उनको सरिता के कंकाल के हांथ में एक लॉकेट मिलता है।

यह लॉकेट दीपक का था जो सरिता के साथ खींचातानी   में सरिता के हांथ में रह गया था। पुलिस ने इसकी तहकीकात शुरू कर दी इसमें पता चला कि यह लॉकेट दीपक का था। दूसरे दिन दीपक की तलाश की जाती है लेकिन दीपक बहुत दिनों तक मिलता नहीं है जब दीपक का कोई सुराग नहीं मिलता है तब पुलिस इस केस को बंद कर देती है। लेकिन इसके कुछ दिनों बाद जगदीश की मां को फिर से एक और सपना आता है उस सपने मे जगदीश और सरिता उसी जंगल के पास खड़े मिलते हैं और दोनों हंसते हैं उनके साथ दीपक की सर कटी हुई लाश दिखाई पड़ती है यहां पर दीपक का सिर नहीं होता है केवल धड़ पड़ा होता है जिन्हें बहुत सारे कुत्ते नोच नोच कर खा रहे होते हैं।

दीपक की मां फिर से पुलिस के पास जाती है और उसी जगह पर छानबीन करने के लिए बोलती है जब पुलिस उस जगह पर पहुंचती है तो उन्हें पता चलता है कि दीपक की लाश वास्तविक में वहां पर पड़ी हुई है और उसको कुत्ते खा रहे हैं लेकिन उसका सर वहां पर नहीं मिलता है।

तो दोस्तों आप लोग क्या सोचते हैं दीपक की हत्या किसने की होगी क्या कोई पारलौकिक शक्ति है जिसने दीपक की हत्या की है या फिर सरिता और जगदीश ने मरने के बाद अपनी मौत का बदला लिया है।


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