अपूरणीय क्षति
ज्यादा पढ़ा लिखा होना भी बेकार है क्या जिन्दगी है ,आपके दिमाग में क्या चल रहा है अपने परिवार वालों को तो बतायेंगे नहीं तो उन्हें कैसे पता चलेगा माजरा क्या है
उन्होंने मेरे बराबर आकर चलते चलते कहना जारी रखा ,
नॉन स्टॉप बोले चले जा रहे थे
( मैंने अपने मित्र को इशारे से रोकते हुए कहा )
एक मिनट एक मिनट तफ्सील से बताइये किसके बारे में
बता रहे हैं यह सब ,
उन्होंने एक क्षण मुझे देखा बोले किस लोक में रहते हो यार !
इतना कुछ घटित हो गया और पूछ...
उन्होंने मेरे बराबर आकर चलते चलते कहना जारी रखा ,
नॉन स्टॉप बोले चले जा रहे थे
( मैंने अपने मित्र को इशारे से रोकते हुए कहा )
एक मिनट एक मिनट तफ्सील से बताइये किसके बारे में
बता रहे हैं यह सब ,
उन्होंने एक क्षण मुझे देखा बोले किस लोक में रहते हो यार !
इतना कुछ घटित हो गया और पूछ...