चिंता और कल
रात का समय था सब सो गए थे, लेकिन मुझे वो ही चिंता सताए जा रही थी।
इतने में फोन की रिंग बजी, मेरे चिंताएं ख्यालों ने साथ छोड़ दिया और हाथ फोन पर जा पहुंचा.
फोन देख कर चेहरे पर मुस्कान आ गई, कॉल उठाया और बोला - हेल्लो
सुरेखा :- क्या कर रहे हो?
मैं :- कुछ नहीं बस पड़ा हूं
सुरेखा :- पड़े हो क्या, फिर ठीक है bye
मैं :-...
इतने में फोन की रिंग बजी, मेरे चिंताएं ख्यालों ने साथ छोड़ दिया और हाथ फोन पर जा पहुंचा.
फोन देख कर चेहरे पर मुस्कान आ गई, कॉल उठाया और बोला - हेल्लो
सुरेखा :- क्या कर रहे हो?
मैं :- कुछ नहीं बस पड़ा हूं
सुरेखा :- पड़े हो क्या, फिर ठीक है bye
मैं :-...