दुनियादारी
कभी कभी म सोचता हूँ कि जिसे देखो दुनियादारी का हवाला देकर कुछ भी करता है। पूछो, भाई ऐसा क्यों किया ? जवाब मिलेगा, अरे भाई, सब दुनियादारी का खेल है। क्या करें, करना पड़ता है ।
पूछो, यार क्या बात है आजकल मिलने भी नही आता?
जवाब मिलेगा, अरे यार बस, दुनियादारी में फंसे हैं।
लगता है...
पूछो, यार क्या बात है आजकल मिलने भी नही आता?
जवाब मिलेगा, अरे यार बस, दुनियादारी में फंसे हैं।
लगता है...